दवा कंपनियों की अनिमितताओं की पोल लगातार खुल रही है । लगातार ऐसे कई मामले सामने आ रहे है जिससे साफ़ पता चलता है की औसधि नियंत्रण प्रसाशन अपना वज़ूद खो चूका है । अब इसे ही लें …
एलेम्बिक कंपनी की दवा Furobid -500 एक बड़ी भूल के संकेत है । एलेम्बिक फार्माक्युटिकल लिमिटेड द्वारा बेचीं गई दवा Furobid -500 के मैनुफैक्चरिंग तिथि 11/2014 है, जबकि एक्सपायरी डेट 06/2013है । यह एक भूल हो सकती है । पर सवाल उठना लाज़मी है की देश में ड्रग मैनुफैक्चरिंग से लेकर मेडिकल शॉप तक का निरिक्षण, नियंत्रण और मॉनिटर करने वाली एजेंसियां कहाँ सो रहे होती है ? देश में निर्मित हर दवा की मैनुफैक्चरिंग डेट, एक्सपायरी डेट और बैच नंबर के रिकॉर्ड कदम – कदम पर बनाने का प्रावधान है । वावजूद इसके एलेम्बिक फार्माक्युटिकल की दवा Furobid -500 पुरे सिस्टम हो धत्ता बताते हुवे मरीज़ तक पहुंच गयी । इससे पहले भी स्वस्थ भारत अभियान ने इंदौर में निर्मित फ्लेम टेबलेट की भूल को पकड़ा था । सोशल मीडिया में वाइरल होने के बाद देश भर की मीडिया ने ड्रग कंट्रोलर ऑफ़ इंडिया को कटघरे में खड़ा किया । इसकी गूंज सरकार तक चुकी थी, दूसरी तरफ कंपनी भाग खड़ी हुई थी । एलेम्बिक जैसी प्रतिष्ठित कंपनी द्वारा की गई इस बड़ी चूक को नदरअंदाज़ कर मरीज़ तक पहुंचना डॉ.जी.एन.सिंह के उस दावे को चुनौती है जिसमे उन्होंने कहा था की विश्व में हर तीसरी दवा भारत में बनती है और भारत वर्ल्ड में टॉप पोजीशन पर है ।
Furobid – 500 एक एंटीबायोटिक है जो कई तरह के इन्फेक्शन में काम आती है ।
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