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नीचे की कहानी / BOTTOM STORY

मानवता को बनाए रखने के लिए बेटियों को बचाना होगा…

  • …यदि डॉक्टरों पर शिकंजा ठीक से कस लिया गया तो बेटियों की भ्रूण हत्या पर बहुत हद तक अंकूश लगाया जा सकता है। 
  • 61 और जिलों में बेटी बचाओ बेटी पढाओं योजना का हुआ विस्तार

बेटी है तो मानवता है
बेटी है तो मानवता है

मानव जाति का सार्थक विस्तार होते रहे इसके लिए जरूरी है कि महिला-पुरूष का जन्म अनुपात में समानता हो। दुर्भाग्य की बात है कि पिछले कुछ दशकों में यह अनुपात बिगड़ा है। इस बिगड़ते हालात से समय रहते नहीं निपटा गया तो वह दिन दूर नहीं जब हमारे समाज में बेटियां विलुप्त-सी नज़र आने लगेंगी।
इस पूरी समस्या का मनोविज्ञान यह है कि विकास के इस भागम-भाग की दौर में एक आम आदमी बेटी को पालने में खुद को असहज महसूस करने लगा है! शायद यहीं कारण रहा होगा कि बेटी को जन्म देकर पालने की बजाए गर्भ में ही उसकी हत्या करना वह ज्यादा बेहतर समझता है! इसी मानसिकता का असर है कि लड़कों के मुकाबले बेटियों का अनुपात दिन ब दिन कम होता जा रहा है। सन् 2001 के जनगणना के समय देश में 1000 लड़कों के अनुपात में लड़कियों की संख्या 927 थी वहीं अब 2011 की जनगरणा में घटकर 918 हो गयी है। यह स्थिति बहुत ही भयावह है।
बेटियों को बचाना समय की मांग
बेटियों को बचाना समय की मांग

इस भयावह स्थिति को अब सरकार भी समझने लगी है, शायद यही कारण है कि सरकारी स्तर पर भी बेटी बचाओ बेटी बढ़ाओ योजना को सरकार ने शुरू किया है। हरियाणा के पानीपत में 22 जनवरी, 2015 को शुरू किए गए इस योजना को हाल ही में सरकार ने 61 और जिलों में विस्तारित कर दिया है ( इन जिलों को आप नीचे की तालिका में देख सकते हैं)। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का यह विस्तार 11 राज्य शामिल हैं।
गौरतलब है कि यह योजना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालयों संयुक्त प्रयास का परिणाम है। पहले चरण में निम्न सीएसआर वाले 100 जिलों का इस मुद्दे के बारे में जागरूकता एवं समर्थन का सृजन करने तथा बीबीबीपी योजना के कार्यान्वयन के लिए चयन किया गया था। पिछले एक वर्ष के दौरान बीबीबीपी योजना का कार्यान्वयन संबंधित जिला मजिस्ट्रेट/उप-आयुक्तों के समग्र दिशा-निर्देश एवं पर्यवेक्षण में किया जा रहा है।
बिन बेटी सब सून
बिन बेटी सब सून

इस योजना के प्रति स्थानीय स्तर पर विभिन्न पहलों एवं अन्वेषणों के रूप में हितधारकों द्वारा शानदार प्रतिक्रिया को देखते हुए स्थायी वित्त समिति (एसएफसी) ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में सचिव श्री वी सोमसुन्दरन की अध्यक्षता के तहत 5 जनवरी, 2016 को आयोजित अपनी बैठक में 61 अतिरिक्त जिलों में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के विस्तार को मंजूरी दी है।
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि एक ओर जहां आम लोगों को बेटियों को बचाने के लिए जागरूक होने की जरूरत है वहीं दूसरी तरफ वैसे डॉक्टरों व जाँच घरों पर भी निगरानी रखने की जरूरत है जो गर्भ में बेटा-बेटी होने की सूचना देते हैं। अनैतिक तरीके से गर्भपात कराने वाले डॉक्टरों को भी कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने की जरूरत है। यहां पर मेरा स्पष्ट रूप से मानना है कि यदि डॉक्टरों पर शिकंजा ठीक से कस लिया गया तो बेटियों की भ्रूण हत्या पर बहुत हद तक अंकूश लगाया जा सकता है।
आज जरूरत है डॉ. गणेश राख जैसे डॉक्टरों की जो अपने यहां बेटियों की डिलेवरी निःशुल्क कराते हैं। इतना ही नहीं बेटी होने पर उनका अस्पताल प्रशासन मिठाइयां बांटता है। इसी तरह के उत्सवी काज के माध्यम से ही हम देश-दुनिया को आधी आबादी की महत्ता के बारे में सजग करने में सफल पायेंगे।
 
उन 61 जिलों की सूची जहां बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना को विस्तार दिया गया है…. 

क्र.सं. राज्‍य/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के नाम जिलों  2001 की जनगणना 2011 की जनगणना
भारत 927 918
1 गुजरात (4) आनंद 849 884
2 अमरेली 892 886
3 पाटन 865 890
4 भावनगर 881 891
5 हरियाणा (8) गुड़गांव 807 830
6 जिंद 818 838
7 फरीदाबाद 847 843
8 हिसार 832 851
9 फतेहाबाद 828 854
10 सिरसा 817 862
11 पंचकुला 829 863
12 पलवल 854 866
13 हिमाचल प्रदेश (2) कांगड़ा 836 876
14 हमीरपुर 850 887
15 जम्मू और कश्मीर(10) सांबा 798 779
16 बारामूला 961 863
17 गंदेरबल 1014 863
18 राजौरी 905 865
19 श्रीनगर 983 865
20 सौपियां 1011 878
21 कुपवाड़ा 1021 879
22 कुलगाम 1003 885
23 उधमपुर 912 886
24 बांदीपुर 967 892
25 मध्य प्रदेश (2) रेवा 926 885
26 टिकमगढ़ 916 892
27 महाराष्ट्र (6) हिंगोली 927 882
28 सोलापुर 895 883
29 पुणे 902 883
30 परभानी 923 884
31 नासिक 920 890
32 लातूर 918 889
33 राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र  दिल्ली पूर्वोत्‍तर 875 880
34 दक्षिण 888 885
35 पंजाब फरीदकोट 812 851
36 भटिंडा 785 854
37 लुधियाना 817 860
38 मोगा 818 860
39 रूपनगर 799 863
40 होशियारपुर 812 865
41 कपूरथाला 785 871
42 जलंधर 806 874
43 शहीद भगत सिंह नगर 808 885
44 राजस्थान जैसलमेर 869 874
45 हनुमानगढ़ 872 878
46 जोधपुर 920 891
47 टोंक 927 892
48 उत्तर प्रदेश (11) इटावा 895 875
49 अलीगढ़ 886 877
50 एटा 880 879
51 फिरोजाबाद 887 881
52 जालौन 889 881
53 बिजनौर 905 883
54 मैनपुरी 892 884
55 हमीरपुर 904 886
56 सहारनपुर 872 887
57 फरूखाबाद 897 889
58 महोबा 900 892
59 उत्तराखंड (3) हरिद्वार 862 877
60 देहरादून 894 889
61 चमोली 935 889

 
 

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