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स्वास्थ्यः48 महीने का कामकाज, जे.पी नड्डा ने जारी किया रिपोर्ट कार्ड

2012 की तुलना में 2015 में प्रसव के दौरान माताओं की मृत्‍यु में लगभग 12000 की उल्‍लेखनीय कमी आई :  जे.पी नड्डा

हम आयुष्‍मान भारत – पीएमआरएसएसएम को लागू करने के लिए 14 राज्‍यों के साथ एमओयू पर हस्‍ताक्षर करेंगे :  जे.पी. नड्डा
 

नई दिल्ली/स्वस्थ भारत/पीआईबी/11.06.18

48 महीने पुरानी सरकार अपनी योजनाओं को लोगों तक ले जाने का हर संभव प्रयास करती हुई नज़र आ रही है। सरकार के प्रत्येक मंत्री अपने कार्यों को लेकर जनता के बीच में हैं। 2019 चुनाव के पूर्व की तैयारियां अभी से ही शुरू हो चुकी है। इसी कड़ी में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा ने एक संवाददाता सम्मेलन में अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए नज़र आए। उन्होंने कहा कि  ‘2012 की तुलना में हमने 2015 (मध्‍य वर्ष) में लगभग 12000 माताओं का जीवन बचाया है। पहले प्रसव के दौरान हर वर्ष 44000 माताओं की मृत्‍यु हो जाती थी, लेकिन अब यह आंकड़ा घटकर केवल 32000 के स्‍तर पर आ गया है।’  श्री नड्डा ने कहा कि देश में 2013 से मातृ मृत्‍यु दर (एमएमआर) में रिकॉर्ड 22 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है, जो पहले की तुलना में अब तक की एमएमआर में कमी का सबसे अधिक प्रतिशत है।
देश के नागरिकों के स्वास्थ्य के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा कि व्‍यापक स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल को देश की वास्‍तविकता बनाने वाले ‘आयुष्‍मान भारत’ है।  इससे देश के स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल के परिदृश्‍य में बदलाव आएगा। हम ‘आयुष्‍मान भारत’ लागू करने की तय समय सीमा के अनुसार आगे बढ़ रहे हैं।
श्री नड्डा ने बताया कि शीघ्र ही 14 राज्यों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होंगे। साथ ही 1.5 लाख प्राथमिक उपचार केंद्रों तथा उप-केंद्रों को स्वास्थ्य एवं देखभाल केंद्रों में बदला जाएगा। इसके तहत इस वर्ष 19000 ऐसे केंद्रों को स्वीकृति दी जा चुकी है।
श्री नड्डा ने बताया कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को पूरी छूट दी है कि वे अपनी सुविधा के अनुसार स्वास्थ्य प्रणाली का संचालन करें। साथ ही केंद्र राज्यों को वित्तीय सहयोग देने के लिए तैयार है। श्री नड्डा ने बताया कि पिछले 3 वर्षों में फ्री ड्रग और डायग्नोस्टिक सेवा पहल के तहत 14000 करोड़ रुपये की दवाइयों का वितरण हुआ है। प्रधानमंत्री नेशनल डायलिसिस कार्यक्रम का 2.38 लाख रोगियों को फायदा मिला है। अमृत केंद्रों पर बाजार दर से 60-90 फीसदी कम कीमत पर दवाइयां प्रदान की जा रही हैं। इनमें कैंसर और हृदय संबंधी जैसे रोगों की दवाइयां भी शामिल हैं। अबतक इन केंद्रों से रोगियों को कुल 346.59 करोड़ रुपए का फायदा पहुंचा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मंत्रिमंडल ने 8 नए एम्स स्थापित करने को स्वीकृति प्रदान की है। नए एम्स आंध्र प्रदेश में मंगलागिरी, महाराष्ट्र के नागपुर, पश्चिम बंगाल के कल्याणी, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, पंजाब के भठिंडा, असम के गुवाहटी और हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में खोले जाएंगे।
इस अवसर पर स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण राज्‍य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे और श्रीमती अनुप्रिया पटेल, सचिव (स्‍वास्‍थ्‍य) श्रीमती प्रीती सूदन ,आयुष्‍मान भारत मिशन के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) श्री इन्‍दु भूषण,  श्री मनोज झलानी, एएस एंड एमडी (एनएचएम), श्री आर. के वत्स, अपर सचिव, श्रीमती वंदना गुरनानी, संयुक्त सचिव तथा स्वास्थ्य सचिव और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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