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तो ऐसे लूट रहे हैं दिल्ली-एनसीआर में मरीज…एक्सरे की जगह निकाला खून

आज आपको सुरेन्द्र ग्रोवर की व्यथा पढा रहे हैं…आप भी पढ़कर हैरान हुए बिना नहीं रह पाइयेगा…कहीं आपके साथ ऐसा तो नहीं हुआ…पढिए पूरी व्यथा-कथा…यह मामला है गुड़गांव के पारस अस्पताल का…

 
surendra grover lab test report
चिकित्सा सेवाओं में लूट की छोटी सी बानगी है यह.. तीन चार दिन से मेरे बाएं पांव के टखने के ऊपर की तरफ किसी चोट से सूजन और दर्द था.. पहले मैंने मूव स्प्रे कर ली पर इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ा तो मैं आज सुबह किसी मिलने वाले की बात मान गुडगाँव के पारस अस्पताल पहुंचा और आपात इलाज़ के लिए पंजीकृत हुआ.. मुझसे 100 रुपये पंजीकरण शुल्क और 800 रूपये परामर्श शुल्क ले लिया गया..
इसके बाद मुझे डॉ. देवेन्द्र यादव के पास कमरा नम्बर 30 में जाने को बोला गया.. जब मैं कमरा नम्बर 30 में पहुंचा और डॉ देवेन्द्र यादव के बारे में पूछा तो वहां बैठे एक अन्य डॉ ने कहा कि वे तो नहीं हैं.. मैं भी डॉक्टर ही हूँ मुझे बताएं क्या हुआ.. पहले तो मैं झिझक गया फिर मैंने कहा मुझे अस्थि विशेषज्ञ को दिखाना था.. इस पर वे बोले कि मैं भी अस्थि विशेषज्ञ ही हूँ तो मैंने उन्हें दिखा दिया.. इस पर उन्होंने कुछ दर्द निवारक और पेरासिटामोल लिख दी साथ ही कुछ टेस्ट लिख कर दे दिए.. जोकि मुझे वहीं करवाने थे.. उन टेस्ट्स के लिए मुझसे 4560 रूपये वसूल लिए गए साथ ही 3 अलग अलग बॉटल्स में खून का सैम्पल ले लिया गया और शाम को आने को बोला गया.. इस पर मैं फिर से डॉक्टर के पास गया और उन्हें बताया कि रिपोर्ट्स 5 बजे के बाद मिलेगी तो उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं डॉ. देवेन्द्र यादव 7 बजे तक मिलेंगे.. इसके बाद मैं उस अस्पताल में स्थित फार्मेसी से दवाएं खरीद घर आ गया.. कुछ देर बाद मुझे अस्पताल की लैब से फोन आया कि एक सैम्पल में खून जम गया है इसलिए दुबारा सैम्पल देने आइये.. दर्द से बेहाल था मगर मरता क्या न करता.. इलाज़ तो करवाना ही था.. मैं फिर से पारस अस्पताल, गुड़गांव पहुँचा.. अब दूसरी बाँह को छेद फिर से सैम्पल लिया गया.. मैंने पूछा रिपोर्ट तो समय से मिल जायेगी न? तो मुझे कहा गया कि आप निश्चिन्त रहें.. आपको 5 बजे रिपोर्ट मिल जायेंगी.. मैं फिर घर आ गया.. शाम ठीक 5 बजे मैं फिर से पारस अस्पताल पहुंचा और रिपोर्ट कलेक्शन काउंटर पर जाकर रिपोर्ट्स मांगी तो उन्होंने देख कर बताया कि एक रिपोर्ट कल मिलेगी.. इस पर मैंने नाराज़गी ज़ाहिर की तो करीब एक घण्टा लगा कर मुझे रिपोर्ट्स दी गईं.. इसके बाद जब मैं कमरा नम्बर 30 में पहुंचा तो मुझे कहा गया कि कल आइयेगा..
इस पर मैंने अस्पताल के कॉल सेंटर के नम्बर 01244585555 पर फोन कर अपनी समस्या बताई तो वे बोले कि डॉक्टर को फोन कर लीजिये.. मैंने कहा क्या मेरे फोन करने से डॉक्टर अस्पताल आ जायेंगे तो वहां से कोई उत्तर मिलने के बजाय मुझे होल्ड पर रखा गया फिर कॉल कहीं फॉरवर्ड कर दी गई और कुछ देर में कॉल कट गई.. इस पर मैंने डॉ देवेन्द्र यादव को उनके नम्बर +919650215718 पर फोन किया मगर उन्होंने फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझा..
थक हार कर हम फिर बिना किसी इलाज़ के घर आ गए.. मज़ेदार बात यह है कि इतने महंगे टेस्ट तो करवा लिए गए मगर हड्डियों की किसी भी चोट की पहली जानकारी देने वाला एक्सरे करवाना उन्हें उचित नहीं लगा.. जबकि सिर्फ एक्सरे भर के बाद कोई फिजियोथैरेपिस्ट भी मेरा इलाज़ आसानी से कर देता.. दर्द निवारक और पेरासिटामोल तो फार्मेसिस्ट से भी बड़ी आसानी से हासिल है.. कंगाली में 6000 रूपये पारस अस्पताल को चूका कर भी मैं आपात इलाज़ न पा सका जिसकी मुझे सख्त ज़रूरत थी..

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