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डॉक्टर साहब की लापरवाही से काटना पड़ा हाथ!

14 वर्ष के जैनेन्द्र को कहां मालूम था कि झूला झूलना उसके जीवन में इतनी बड़ी त्रासदी लेकर आयेगा।  उसकी ईलाज सही तरीके से डॉक्टर साहब करते तो शायद उसकी हाथ को काटने की नौबत नहीं आती! डॉक्टर की लापरवाही ने जैनेन्द्र की हंसती-खेलती जिंदगी को तबाह कर दिया…कई साल बाद अब जाकर जैनेन्द्र को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। आरोपी डॉक्टर के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।स्वस्थ भारत अभियान जैनेन्द्र के परिवार के ज़ज्बे को सलाम करता है कि उन्होंने इस मसले को पुरजोर तरीके उठाया और आज सच सामने है! संपादक
SBA DESK

डॉक्टर साहब! ये क्या कर रहे हैं आप!
डॉक्टर साहब! ये क्या कर रहे हैं आप!

कोरबा। उपचार में लापरवाही बरतने के आरोप में पुलिस ने चिकित्सक के खिलाफ छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में मामला दर्ज किया है। कोरबा जिले के पुलिस अधिकारियों ने आज यहां बताया कि उपचार में लापरवाही बरतने के एक पुराने मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शहर के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेन्द्र साहू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। साहू पर आरोप है कि उनकी गलत उपचार के कारण 14 वर्षीय बच्चे का हाथ काटना पड़ा था।
पुलिस ने जिला मेडिकल बोर्ड के जांच प्रतिवेदन के आधार पर यह कार्रवाई की है। कोरबा शहर के कोतवाली थाना के प्रभारी यदुमणि सिदार ने बताया कि सर्वमंगला रोड फोकटपारा में रहने वाली आशा नाथ का 14 वर्षीय पुत्र जैनेन्द्र नाथ झूला झूलते समय गिर गया था। घटना में उसके बाएं हाथ में गंभीर चोट आई थी। घायल पुत्र को लेकर आशा अस्थि रोग विशेष राजेन्द्र साहू के चिकित्सालय पहुंची। सिदार ने बताया कि चिकित्सक ने परीक्षण पश्चात जैनेन्द्र के हाथ में प्लास्टर लगा दिया। इसके बावजूद उसका हाथ ठीक नहीं हुआ। बाद में चिकित्सक द्वारा लापरवाही से ईलाज करने के कारण बच्चा गैस गैगरिंग नामक बीमारी की चपेट में आ गया। दोबारा उसकी जांच होने पर डाक्टर साहू ने हाथ काटने की सलाह दी। बीमारी से बचने के लिए पीड़ित परिवार ने हाथ काटने की सहमति दे दी। बाद में इस मामले की शिकायत पीड़ित परिवार ने पुलिस से की थी। नगर निरीक्षक यदुमणी सिदार ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला मेडिकल बोर्ड को जांच के लिए पत्र लिखा गया था। जिला मेडिकल बोर्ड ने जांच के पश्चात अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जिसमें अस्थि रोग विशेष द्वारा उपचार में लापरवाही बरतने की बात कही गयी है। प्रतिवेदन के आधार पर आरोपी चिकित्सक के खिलाफ धारा 338 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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