नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। उत्तराखंड स्टेट ऑप्थल्मोलॉजिकल सोसायटी (UKSOS) के वार्षिक सम्मेलन में नेत्र चिकित्सकों ने आंखों में पनप रही बीमारियों को लेकर चर्चा की। सबों की एकमत राय थी कि मोबाइल फोन बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों तक सभी की आंखों की रोशनी को छीनने का काम कर रहा है। मोबाइल से आंखें ड्राई होने के बाद रोशनी जाने तक का खतरा बढ़ रहा है। चिकित्सकों ने आंखों की बेहतर रोशनी के लिए मोबाइल से दूरी बनाने, खान-पान में बदलाव लाने की सलाह दी है। सम्मेलन में कई राज्यों के करीब पांच सौ नेत्र चिकित्सक पहुंचे थे।
5 मिनट में पता लगेगा हार्ट में आयरन लोड का
थैलेसीमिया के मरीजों में बार-बार ब्लड चढ़ाने की वजह से हार्ट में आयरन का लोड बढ़ जाता है। ऐसे में 60 से 70 प्रतिशत मरीजों की मौत हार्ट फेल होने की वजह से हो जाती है। इस लोड का पता लगाने के लिए एम्स ने ज्2 कार्डिएक एमआरआई शुरू की है, जो सिर्फ 8 मिनट में बता देता है कि आयरन लोड कितना है। इसके आधार पर तय किया जा सकेगा कि मरीज के हार्ट से आयरन निकालने के लिए किलेशन थेरेपी का किस प्रकार इस्तेमाल किया जाए। इस तकनीक से 80 प्रतिशत मौतों को रोका जा सकता है और 15 से 20 साल उम्र बढ़ाई जा सकती है।
लाल बिच्छू के डंक से बचायेगा नया फॉर्मूलेशन
लाल बिच्छू के जहर से उत्पन्न विषाक्तता को रोकने के लिए घोड़े के एंटी-बिच्छू एंटीवेनम (ASA), अल्फा1-एड्रेनोसेप्टर एगोनिस्ट (AAA) और विटामिन सी की कम खुराक से युक्त एक नया चिकित्सीय दवा फॉर्मूलेशन (TDF) डंक के रोगियों के इलाज में मदद कर सकता है। भारतीय लाल बिच्छू (मेसोबुथुस टैमुलस) अपने जानलेवा डंक के कारण दुनिया के सबसे खतरनाक बिच्छुओं में से एक है। इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (IASST) के वैज्ञानिकों की एक टीम के साथ-साथ तेजपुर विश्वविद्यालय, गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने इस फॉर्मूलेशन का आविष्कार किया है।