कहलगांव, भागलपुर (स्वस्थ भारत मीडिया)। रूरल फ्यूचर फाउंडेशन (RFF) के द्वारा मारीवाला हेल्थ इनिशिएटिव (MHI) के सहयोग से पंचायती राज सदस्य, शिक्षक, आँगन वाड़ी एवं आशा कार्यकर्ता के लिए मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के शुरुआती लक्षणों को पहचानने और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने के तरीके जानने के लिए नंदगोला, कहलगांव, भागलपुर में 21 अक्टूबर को जागरूकता कार्यशाला आयोजित किया गया। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. मनोज कुमार चौधरी, रिटायर्ड डिस्ट्रिक्ट इम्यूनाइजेशन ऑफिसर (DIO) और असिस्टेंट चीफ मेडिकल ऑफिसर, भागलपुर ने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में चर्चा की और इस समस्या से निपटने के लिए सामाजिक भागीदारी के बारे में जागरूक किया।
मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं समाज पर बोझ
भारत में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं समाज पर काफी बोझ डालती हैं। खासकर ग्रामीण भारत में रहने वाले लोगों का मानसिक स्वास्थ्य अतिरिक्त कारकों जैसे सामाजिक भेदभाव, गरीबी, जानकारी का अभाव और मानसिक स्वास्थ्य विकारों के संबंध में कलंक, पारिवारिक वातावरण जैसे कारक ग्रामीण किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की व्यापकता को प्रभावित करते हैं। अनुमान है कि 8-11 मिलियन भारतीय किशोरों को किसी भी समय मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता होती है।
छात्रों को किया जागरूक
मानसिक स्वास्थ्य दिवस की पृष्ठभूमि में RFF ने MHI के सहयोग से भागलपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम की श्रृंखला आयोजित की और 300 छात्रों से ज्यादा को ऐसी चुनौतियों का सामना करने पर डिस्ट्रिक्ट मेन्टल हेल्थ प्रोग्राम या टेली मानस हेल्पलाइन (14416) के द्वारा मदद लेने के लिए जागरूक किया। अंत में, सामाजिक पहलू के माध्यम से इस चुनौती से निपटने के लिए सामुदायिक हितधारक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।