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समाचार / News स्वास्थ्य की बात गांधी के साथ / Talking about health with Gandhi

केरल के बाढ़ पीड़ितों के लिए आगे आए थे गांधी

Gandhi supported kerala when flood came there

स्वास्थ्य की बात गांधी के साथविषयक बेब सीरीज का यह 12 वां आलेख है। यह आलेख गांधी के जीवन-दर्शन को बेहतरीन तरीके से रेखांकित कर रहा है। आज से 94 वर्ष पूर्व भी केरल  बाढ़ आई थी,आज भी आई है।  गांधी जी ने केरल (Kerala ) के लोगों के स्वास्थ्य रक्षा हेतु किस तरह देश व्यापी सहयोग मांगा उस बात को उजागर करती दैनिक जागरण  में प्रकाशित यह रपट प्रस्तुत कर रहे हैं।-संपादक
#KeralaFlood
6 हजार रुपये जुटाए थे महात्मा गांधी ने
केरल इस समय बाढ़ की आपदा झेल रहा है। इससे पहले 1924 में केरल में भी सदी की सबसे भयानक बाढ़ आई थी। उस समय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने बाढ़ में डूबे केरल की मदद के लिए पूरे देश से 6 हजार रुपए जुटाए थे। उस समय के हिसाब से ये बहुत बड़ी रकम थी। इससे भी बड़ी बात थी, इसे देशभर से जुटाना। इस बार की बाढ़ में 290 से ज्यादा लोगों को जान गंवानी पड़ी है। 10 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं, लेकिन जुलाई 1924 में केरल के मालाबार में आई बाढ़ में इससे अधिक लोगों की जान गई थी। नुकसान भी बहुत अधिक हुआ था।
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1- स्वास्थ्य की बात गांधी के साथः 1942 में महात्मा गांधी ने लिखी थी की ‘आरोग्य की कुंजी’ पुस्तक की प्रस्तावना
2-स्वच्छता अभियान : गांधी ही क्यों? 
3-महात्मा गांधी के स्वास्थ्य चिंतन ने बचाई लाखों बच्चों की जान
अखबार में लिखकर जुटाई थी रकम
 महात्मा गांधी ने अपने अखबार यंग इंडिया और नवजीवन में इस बाढ़ के बारे रोजाना लिखकर लोगों को इस भयावह त्रासदी के बारे में बताया था। उन्होंने इन्हीं अखबारों के माध्यम से लोगों से अपील की थी कि वे बाढ़ प्रभावित मालाबार (केरल) की मदद करें।
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4-स्वास्थ्य की कुंजी गांधी के राम
5-प्राकृतिक चिकित्सक के रूप में गांधी
6-तंदुरुस्ती के लिए सेवा धर्म का पालन जरूरी
महिलाओं और बच्चों ने किया था सहयोग
महात्मा गांधी की उस अपील का जबर्दस्त असर हुआ। महिलाओं ने अपनी ज्वेलरी तक दान में दी। कई बच्चों ने भी अपनी गुल्लक से दान दिया था। कई लोगों ने दान देने के लिए एक दिन का खाना भी नहीं खाया। कइयों ने अपने हिस्से का दूध बेचकर फंड में दान दिया था। एक बच्ची ने चुराए हुए पैसे भी दे दिए थे।
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7-कुदरती ईलाज़ का महत्व
8-राम नाम अंतर्मन को शुद्ध करता है
9- अचूक इलाज़ राम धुन
एक लड़की ने चोरी के 3 पैसे भी दान कर दिए 
महात्मा गांधी ने अपने समाचार पत्र नवजीवन में लिखे एक लेख में बताया था कि एक लड़की ने तो चोरी किए 3 पैसे भी दान में दे दिए थे। उन्होंने अपने लेख में बताया कि उस समय मालाबार का हिस्सा बहुत पीड़ा से गुजर रहा था लेकिन उन्हें उम्मीद से ज्यादा लोगों का समर्थन मिला और लोगों ने जमकर पैसा दान में दिया। यह एक बार नहीं, कई बार साबित हो चुका है कि ईश्वर की कृपा से लोगों के दिलों में दयालुता बसती है।
10-Gandhian Views On Health: Every Person Should Become Bhangi
11-चल झांक ले उसकी ऐनक से…
1924 में आई उस बाढ़ को महाप्रलय माना गया था 
केरल के इतिहास में 1924 में आई उस बाढ़ को महाप्रलय के नाम से जाना जाता है। उसे अब भी ग्रेट फ्लड ऑफ 99 कहा जाता है। 99 इसे मलयालम कैलेंडर के हिसाब से कहा जाता है। यह बाढ़ इस कैलेंडर के लिहाज से 1099 में आई थी। उस समय केरल तीन हिस्सों में बंटा हुआ था-त्रावणकोर, कोच्चि और मालाबार। बाढ़ का असर तीन सप्ताह तक रहा था। मुन्नार, थ्रिशूर, कोझिकोड, एर्नाकुलम, अलुवा, मुवाट्टुपुझा, कुमाराकोम, चेंगन्नुर और तिरवनंतपुरम के विभिन्न इलाके पानी में डूब गए थे।
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नोटः महात्मा गांधी ने जितने भी प्रयोग किए उसका मकसद ही यह था कि एक स्वस्थ समाज की स्थापना हो सके। गांधी का हर विचार, हर प्रयोग कहीं न कहीं स्वास्थ्य से आकर जुड़ता ही है। यहीं कारण है कि स्वस्थ भारत डॉट इन 15 अगस्त,2018 से उनके स्वास्थ्य चिंतन पर चिंतन करना शुरू किया है। 15 अगस्त 2018 से 2 अक्टूबर 2018 के बीच में हम 51 स्टोरी अपने पाठकों के लिए लेकर आ रहे हैं। #51Stories51Days हैश टैग के साथ हम गांधी के स्वास्थ्य चिंतन को समझने का प्रयास करने जा रहे हैं। इस प्रयास में आप पाठकों का साथ बहुत जरूरी है। अगर आपके पास महात्मा गांधी के स्वास्थ्य चिंतन से जुड़ी कोई जानकारी है तो हमसे जरूर साझा करें। यदि आप कम कम 300 शब्दों में अपनी बात भेज सकें तो और अच्छी बात होगी। अपनी बात आप हमें forhealthyindia@gmail.com  पर प्रेषित कर सकते हैं।
 
 

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