बरेली /28 नवम्बर:
फार्मेसी काउंसिल ऑफ़ इंडिया अपने लक्ष्यों से भटक गई है. देश भर में फार्मेसी एक्ट 1948 कि धारा 42 का खुलेआम उलंघन किया जा रहा है और शाशन मुकदर्शक बना हुवा है. ऐसे में फार्मासिस्टों को चाहिए कि एकजुटता दिखाते हुवे फार्मेसी विरोधी ताकतों के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद करें. उक्त बातें रुहेलखंड यूनिवर्सिटी प्रोफ़ेसर डॉ. अमित वर्मा ने रोटरी क्लब बरेली में ग्रेट वेलफेयर सोसाइटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम ने कही .
रोटरी क्लब के सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान फार्मेसी जगत के कई दिग्गज एक मंच पर दिखे . पुरे कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के तमाम मेडिकल दुकानों द्वारा ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940, फार्मेसी एक्ट 1948 का उलंघन किए जाने पर आक्रोश दिखाई दिया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. राजाराम गंगवार ने कहा कि फार्मासिस्ट स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ है बगैर फार्मासिस्ट दवा की परिकल्पना नही की जा सकती.
कार्यक्रम के दौरान डॉ. अरुण कुमार रस्तोगी ने होलसेल में भी फार्मासिस्ट की अनिवार्यता का स्वागत करते हुवे इसे एक क्रन्तिकारी कदम बताया. रस्तोगी ने कहा निश्चित तौर पर यह अच्छे दिनों की शुरवात है. वही प्रदेश अध्यक्ष अरविन्द कुमार गौतम ने कहा की फार्मासिस्ट किराये पर अपने लाइसेंस हरगिज़ ना दें बेहतर हो की हर फार्मासिस्ट अपनी खुद की फार्मेसी व फार्मा क्लिनिक खोले.
रोटरी क्लब में उपस्थित सैकड़ों की संख्या में फार्मासिस्टों ने होलसेल में भी फार्मासिस्ट की अनिवार्यता हेतु स्वास्थ्य मंत्रालय को अपना समर्थन पत्र लिखा साथ ही आपत्ति भी दर्ज कराइ ताकि अबतक बने ड्रग लाइसेंस में भी नए नियम प्रभावी हो सके.
कार्यक्रम में प्रदीप गौतम , प्रदीप गंगवार , अवधेश गंगवार , शुभम गंगवार, नितिन सक्सेना , योगेंद्र पटेल समेत सैकड़ों फार्मासिस्ट मौजूद थे.
2 comments
Pharmacist ko wholesale maa compulsory krna kaa rule welcome krta haa all pharmacist.withiut pharmacist wholesale bnane ho
Very nice sir.i am with you.hamare yaha big kisi ne dusri Ka licence laker.SHOP chala raha h. Us par karvahi honi chahea