नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। बच्चों में होने वाली निमानिया समेत कुछ अन्य रोगों में दी जाने वाली एंटीबायोटिक अब फेल हो रही है। ऑस्ट्रेलिया में सिडनी विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं ने पाया कि निमोनिया, सेप्सिस (रक्तप्रवाह संक्रमण) और मेनिनजाइटिस जैसे बचपन में होने वाले संक्रमणों के इलाज के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा अनुशंसित कई एंटीबायोटिक दवाएं अब 50 प्रतिशत से भी कम प्रभावी साबित हो रही हैं। प्रसिद्ध पत्रिका लैंसेट में यह निष्कर्ष प्रकाशित हुआ है। इससे बच्चों में गंभीर रोगों के विकसित होने का जोखिम हो सकता है।
Delhi Aiims तंबाकू मुक्त जोन
दिल्ली एम्स बेहतर मेडिकल सुविधा देने के साथ बेहतर अनुशासन के लिए जाना जाता है। वहां समोसे-कचौरी और तले-भुनी चीजों पर पाबंदी लगाकर मिलेट आधारित पौष्टिक खाने को जोड़ने के निर्देश कैंटीन को दिए गए हैं। तंबाकू आदि नशीली चीजों पर भी बैन है। अगर कोई तीमारदार या कर्मचारी ऐसा करते पकड़ा जाता हे तो माफीनामा लिखकर देना पड़ता है। कर्मचारियों को अस्पताल की नौकरी से भी निकाला जा सकता है। दिसंबर 2022 से ही एम्स परिसर टोबैको फ्री जोन घोषित किया हुआ है।
ऐसे दूर करें Osteoporosis
हड्डियों की बीमारी Osteoporosis से भारत में 50 वर्ष से अधिक उम्र की 42.5 महिलाएं और 24.6 फीसद पुरुष पीड़ित हैं। इसमें हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और उसके टूटने का जोखिम बढ़ जाता है। हड्डियों का घनत्व भी कम हो जाता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि इससे बचने के लिए खानपान में कुछ चीजों को जरूर शामिल करना चाहिए। जैसे तिल और उससे बनी चीज, कद्दू के बीज, अलसी के बीज, गोंद, हल्दी, राजगिरा यानी रामदाना, घी आदि। ऐसा करने से हड्डियां मजबूत बनेंगी।