नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। मध्यकालीन युग का एक लोहे का प्रोस्थेटिक हाथ खोजा गया है जो एक प्राचीन कंकाल से जुड़ा हुआ था। इसे 15वीं शताब्दी का बताया जा रहा है। यह कृत्रिम हाथ जर्मनी के फ्रीजिंग में पाया गया है जो उस दौर की प्रोस्थेटिक टेक्नोलॉजी और मेडिकल इनोवेशन का सबूत है। द सन की रिपोर्ट के अनुसार बवेरियन स्टेस ऑफिस ने इस खोज की घोषणा की थी। यह प्रोस्ठेटिक हैंड सेंट जॉर्ज चर्च के पास खुदाई के दौरान पाया गया था। बवेरियन स्टेस ऑफिस के डॉक्टर वाल्टर इरलिंगर (Dr- Walter Irlinger) ने पाए गए प्रोस्थेटिक हाथ के बारे में लोगों को जानकारी दी। इससे पता चलता है कि किसी कारणवश अंगभंगं होने के बाद चिकित्सा क्षेत्र में वैकल्पिक व्यवस्था के इंतजाम थे।
सूअर के दिल वाले मरीज की दो माह में मौत
यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन ने ऐलान किया है कि, जिस शख्स को सुअर का हार्ट लगाया गया था, उसकी 40 दिनों के बाद मौत हो गई। इससे पहले 2022 में भी एक शख्स को इसी अस्पताल में सुअर का हार्ट प्रत्यारोपित किया था। उसकी भी दो महीने बाद मौत हो गई थी। अस्पताल के मुताबिक प्रत्यारोपित हृदय पहले महीने तक स्वस्थ तरीके से काम कर रहा था, लेकिन हाल के दिनों में उसमें अस्वीकृति के लक्षण दिखाई देने लगे थे। डॉक्टरों के मुताबिक मरीज ने सर्जरी के बाद शुरू में शानदार रिकवरी की थी। पहला महीना ठीक गुजरा जिसके बाद चलने के लिए फिजिकल थैरिपी भी शुरू की गयी थी।
2060 तक ग्लोबल वार्मिंग का घातक असर
ेग्लोबल वार्मिंग से 2060 तक भारत के कई शहर तपती हुई भट्टी बन जाएंगे। इन शहरों में हीटवेव का प्रकोप जानलेवा होगा। ये स्टडी खुद मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने की है। स्टडी के मुताबिक 12 से 18 दिनों तक की हीट वेव हो सकती है। उत्तर पश्चिम भारत में 30 दिन के अंदर औसतन चार हीट वेव चल सकती हैं जिससे हीट स्ट्रोक के मामलों में भी बढ़ोतरी हो सकती है। 2022 में ग्लोबल वार्मिंग और उससे बढ़ी गर्मी की वजह से 10 हजार से ज्यादा पेंगुइन चूजों की मौत होने की भी पुष्टि की गई थी। यह चूजे बर्फ पिघलने के बाद टूटने से मौत का शिकार हुए थे जो छोटे होने की वजह से पानी में तैर नहीं सके।