स्वस्थ भारत मीडिया
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पिछले साल के मुकाबले हेल्थकेयर पर 12.59 फीसद अधिक फंड

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। अंतरिम बजट में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को 90,658.63 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जो 2023-2024 की तुलना में 12.59 प्रतिशत अधिक है। चिकित्सा और ढांचागत उन्नयन पर अधिक जोर दिया गया है जो भविष्य की पूंजी साबित होगा। अंतरिम बजट के प्रावधानों के मुताबिक 90,658.63 करोड़ में से 87,656.90 करोड़ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को जबकि 3001.73 करोड़ स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग को आवंटित किए गए हैं। आयुष मंत्रालय के लिए बजट आवंटन 23.74 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 3,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3,712.49 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

अन्य मद में ऐसे आवंटन

इसके अतिरिक्त केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए बजट आवंटन 77,624.79 करोड़ से बढ़ाकर 87,656.90 करोड़ कर दिया गया है। इन केंद्र प्रायोजित योजनाओं में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए बजट आवंटन 2023-24 में 31,550.87 करोड़ से बढ़ाकर 2024-25 में 31,967 करोड़ कर दिया गया है। प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के लिए आवंटन 6,800 करोड़ से 7,500 करोड़. राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के लिए आवंटन 200 करोड़ से 250 करोड़, राष्ट्रीय टेली-मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के लिए 65 करोड़ से 100 करोड़, स्वायत्त निकायों के लिए 17,250.90 करोड़ से बढ़कर 18,005.65 करोड़ हो गया है। स्वायत्त निकायों में AIIMS, नई दिल्ली के लिए आवंटन 4,278 करोड़ से बढ़ाकर 4,523 करोड़ और ICMR के लिए 2295.12 करोड़ से बढ़ाकर 2432.13 करोड़ कर दिया गया है। मालूम हो कि 2023-24 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का व्यय 89,155 करोड़ होने का अनुमान लगाया गया था, जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 13 प्रतिशत अधिक है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन इसका सबसे बड़ा घटक है, जो मंत्रालय के बजट का 33 प्रतिशत हिस्सा है, और मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों का बजट 27 प्रतिशत है।

महामारी का प्रभाव पड़ा बजट पर

पिछले पांच सालों में हेल्थ को लेकर सरकार की ओर से कई बदलाव देखने को मिले हैं। जब सरकार 2020 में आम बजट पेश कर रही थी, तब कोरोना के कुछ ही मामले सामने आए थे। तब स्वास्थ्य मंत्रालय को 67,112 करोड़ मिले थे। जबकि 2019-20 में 63,538 करोड़ दिए गए थे। 2018-19 में 55,949 करोड़ का आवंटन था। वैेसे हेल्थकेयर में पिछले बजट के मुकाबले 20 से 30 फीसद की बढ़ोतरी का अनुमान किया जा रहा था। बची-खुची उम्मीदें जुलाई में संभावित संसद सत्र में सरकार और भी घोषणायें कर सकती हैं।

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