स्वस्थ भारत मीडिया

Month : December 2015

काम की बातें / Things of Work चिंतन नीचे की कहानी / BOTTOM STORY

साहब! एड्स नहीं आंकड़ों का खेल कहिए…

Ashutosh Kumar Singh
आज चारों ओर बाजार का दबदबा है। उसने हमारे मनोभाव को इस कदर गुलाम बना लिया है कि हम उसके कहे को नकार नहीं पाते।...
चिंतन चौपाल / Chapel

…तो हमारे अधिकारी चाहते हैं कि आंकड़ों में एड्स बना रहे !

Ashutosh Kumar Singh
इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता की भारत जैसे देश में एचआईवी / एड्स की स्थिति सामान्य है पर स्थिति आउट ऑफ़ कंट्रोल...