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गुणवत्ता जांच में दवाओं के कई सैंपल फेल

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने फरवरी में 1,167 दवाइयों की क्वालिटी जांच के बाद 58 दवाओं में मानक गुणवत्ता कमी पायी तो दो को नकली बताया। उसने कहा है कि हाई बीपी की टेल्मा एएम और टेल्मा 40 का एक बैच, जिसे ग्लेनमार्क द्वारा निर्मित बताया गया था, वह गुणवत्ता परीक्षण में विफल रहा जबकि कंपनी ने बताया कि यह उनके द्वारा निर्मित नहीं है। यह नकली दवा है।

आंखों से पकड़ में आयेगा डायबिटीज

डायबिटीज कई रोगों की जड़ है लेकिन इसके प्रारंभिक लक्षण को आंखों से ही पकड़ा जा सकता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि यह रोग होते ही मरीजों की नजर धुंधली हो सकती है। मरीज किसी चीज को साफ-साफ देख नहीं पाता। आंखों में सूजन हो संभव है। इंफ्लेशन की वजह से आंखें फूली हुई और लाल दिखायी देती हैं। कई बार रात में ठीक तरीके से और साफ-साफ दिखायी नहीं देता। उन्हें किसी चीज को देखते समय धब्बे दिखायी दे सकते हैं। लोगों को रंग कम चटक और हल्के दिखायी देते हैं। इससे उन्हें कई बार रंगों का सही शेड समझ नहीं आता।

डाॅक्टरों को गिफ्ट देने पर पाबंदी

केंद्र सरकार ने दवा कंपनियों को सख्त गाइडलाइन जारी कर कहा है कि फार्मा कंपनी किसी डॉक्टर को कोई उपहार नहीं देगा। इसके साथ ही विदेश दौरे का प्रस्ताव देना भी अपराध की श्रेणी में आएगा। कॉन्फ्रेंस के नाम पर टूर का भी प्रबंध नहीं किया जा सकता। पांच सितारा होटल में ठहरने और महंगे व्यंजन व रिजॉर्ट के ऑफर भी नहीं दिए जा सकेंगे। नकद या मौद्रिक अनुदान के भुगतान पर भी रोक लगाई गयी है।

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