भोपाल य 16.03.2016
मध्य प्रदेश में एनएचएम कर्मी पिछले दिनों से हड़ताल पर है । पुरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवायें ठप्प है । हड़ताल कर सबसे ज्यादा असर प्रसव केन्द्रों और टीकाकरण पर हुवा है। सरकार ने सख्ती बरतते हुवे एस्मा लगाया है । नेतृत्व कर रहे मध्य प्रदेश संबीदा स्वास्थ्यकर्मचारी संघ के अध्यक्ष सौरभ सिंह चौहान को बर्खास्त कर दिया गया है । मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बदले की भावना से की गई करवाई से जहाँ करीब 30 हज़ार से ज्यादा कर्मचारी गुस्से में है । संघ ने हड़ताल को और तेज़ करने को कहा है। स्वस्थ भारत डॉट इन से बात करते हुवे सौरभ सिंह चौहान ने बताया की संघ की तरफ से सरकार को कई बार ज्ञापन दिए गए है, हर बार आश्वासन देकर संबीदा कर्मियों के साथ धोखा हुवा है। वही उपाध्यक्ष डॉ. प्रीति राठोर ने बताया की मध्य प्रदेश संबीदा कर्मी अपने वज़ूद की लड़ाई लड़ रहे है। हड़ताल को पीछे लेने से साफ इंकार करते हुवे डॉ. प्रीति ने लड़ाई तेज़ करने की धमकी दी है !
ज़िले से लेकर मुख्यालय में हो रहे है प्रदर्शन
मध्य प्रदेश के हर ज़िले में रोज ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे है। कही नारेबाजी तो कहीं पुतले फूंके जा रहे है। कुछ एक जगहों से पुलिस के साथ झड़प की भी खबरें आ रही है।
हड़तालियों को मानाने में जुटी सरकार
शिवराज चौहान ने हड़ताली कर्मचारियों को कई बार हड़ताल वापस लेने को कह चुकी है । एस्मा की करवाई के वावजूद कर्मचारियों पर कोई असर नहीं होता देखकर सरकार ने अपने अफसरों को मानाने में लगाया है। बिगत दिनों कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सौरभ सिंह चौहान और डॉ. प्रीति राठोर मुख्य मंत्री से निजी सचिव शिव चौबे से मुलाकात कर अपनी मांगो से अवगत कराया !
अखिल भारतीय एनएचएम एसोसिएशन ने किया समर्थन
आल इंडिया एनएचएम एसोसिएशन ने मध्य प्रदेश के संबीदा कर्मचारियों का समर्थन किया है। आल इंडिया एचएमएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार सिंह ने मध्य प्रदेश संबीदा कर्मचारी संघ को हर संभव मदद करने को कहा है। संरक्षक सह फाउंडर विनय कुमार भारती ने मध्य प्रदेश के समस्त कर्मचारियों को एकता बनाये रखने की अपील की है।
स्वस्थ भारत अभियान का समर्थन
मध्य प्रदेश संबीदा कर्मियों की मांगों को लेकर स्वस्थ भारत अभियान ने भी अपना समर्थन दिया है। स्वस्थ भारत अभियान के राष्ट्रीय संयोजक आशुतोष कुमार सिंह ने कहा की सरकार की गलत नीतियों का खामियाज़ा स्वास्थ्य कर्मी भुगत रहे है । इन्हे भी बराबरी का हक़ मिलना ही चाहिए।