नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। गुजरात के कच्छ जिले में एक हफ्ते के भीतर 12 लोगों की मौत हो गई जिससे हड़कंप मचा हुआ है। मृतकों में 12 साल से कम उम्र के चार बच्चे भी शामिल हैं। बुखार, सर्दी, खांसी और निमोनिया जैसी समस्या सबको हो रही थी। कुछ को सांस लेने में कठिनाई महसूस हुई थी। वैसे अधिकारियों की नजर में यह न्यूमोनाइटिस है। पूरा इलाका भारी बारिष और बाढ़से प्रभावित रहा है। कलेक्टर के मुताबिक एच1एन1, स्वाइन फ्लू, क्रीमियन-कांगो बुखार, मलेरिया और डेंगू के खतरे को ध्यान में रखते हुए बाकी लोगों के सैंपल एकत्रित किए जा रहे हैं।
सांस की तकलीफ कैलिफोर्निया में भी
कैलिफोर्निया में वैली फीवर नामक बीमारी तेजी से फैल रही है। एक कार्यक्रम में आये लोगों में से 5 में इसकी पुष्टि की जा चुकी है। इस इवेंट में लगभग 20 हजार लोग आये थे। राज्य के हेल्थ डिपार्टमेंट ने एक सूचना जारी की है कि बुखार, सांस लेने में दिक्कत जैसी कोई समस्या हो तो सावधानी बरतें। रिपोर्ट के अनुसार यह एक फंगल संक्रमण है जो शरीर में सांस के जरिए अंदर जाता है। इसमें ऐसा होता है कि अगर इंसान संक्रमित धूल-मिट्टी में सांस लेता है तो इसका शिकार हो सकता है। इसके वायरस का नाम कोक्सीडिओडोमाइकोसिस या कोक्सी है। वहां पिछले साल इसके 9,000 मामले थे जबकि इस साल जुलाई तक ही 5,000 मामले सामने आ चुके थे।
मेडिकल कंपनियों पर लगाम
मेडिकल उपकरण बनाने वाली कंपनियां अब डॉक्टरों को विदेश यात्रा नहीं करा सकेंगी। सरकार ने मेडिकल उपकरण सेक्टर के लिए नियम अधिसूचित किए हैं। दरअसल कई कंपनियां डॉक्टरों के लिए विदेश में कार्यशालाएं आयोजित कराती हैं, उन्हें आर्थिक रूप से भी लाभान्वित करती हैं। बदले में ये कंपनियां चिकित्सकों से लाभ उठाती हैं। उनकी अनुपस्थिति का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है।