स्वस्थ भारत मीडिया
समाचार / News

बधिर-समावेशी वैज्ञानिक सम्मलेन आयोजित

नई दिल्ली। जीव कोशिकाओं में पाये जाने वाले प्रोटीनों के अध्ययन से सम्बन्धित विज्ञान, जिसे ‘प्रोटिओमिक्स’ के नाम से जाना जाता है, मानव जीव-विज्ञान की उन तमाम जटिलताओं को समझने में उपयोगी है जिसे वैज्ञानिक समझना या सुलझाना चाहते हैं। प्रोटिओमिक्स सोसाइटी ऑफ इंडिया (PSI) के स्थापना दिवस के अवसर पर वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा ‘प्रोटिओमिक्स’ पर केंद्रित एक बधिर-समावेशी सम्मेलन का आयोजन किया गया।

देश का पहला सम्मेलन

सीएसआईआर के वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व कार्यक्रम ‘जिज्ञासा मिशन’ की ‘इंडियन साइन लैंग्वेज इनेबल्ड वर्चुअल लैब’ (आईएसएलईवीएल) पहल के अंतर्गत अपनी तरह का देश का यह पहला सम्मेलन चंडीगढ़ स्थित सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ माइक्रोबियल टेक्नोलॉजी (इम्टेक) में आयोजित किया गया। सीएसआईआर-इम्टेक के कर्मचारी, छात्रों, शिक्षकों एवं वैज्ञानिकों के साथ-साथ अन्य सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के प्रतिभागियों समेत हरियाणा वेलफेयर सोसाइटी फॉर हियरिंग ऐंड स्पीच इम्पेयरमेंट से संबद्ध लगभग 50 बधिर छात्र और प्रशिक्षु शिक्षक इस सम्मेलन में शामिल हुए। इसमें सुनने में सक्षम और बधिर दोनों तरह के श्रोता उपस्थित थे। इन दोनों श्रोता समूहों के लिए सम्मेलन को समावेशी बनाने के उद्देश्य से सीएसआईआर-इम्टेक के दो परियोजना कर्मचारियों-सौरव रॉय चौधरी और स्तुति कुमारी द्वारा कार्यक्रम के संवादों और विचार-विमर्श की श्रृंखला को तत्काल रूप से भारतीय सांकेतिक भाषा में पेश किया जा रहा था। प्रधान वैज्ञानिक और कार्यक्रम समन्वयक डॉ. अलका राव ने सभा का स्वागत किया और प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अंशु भारद्वाज ने सत्र का संचालन किया।

समावेशी शिक्षा की तारीफ

विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव जयंत सहस्रबुद्धे और सीएसआईआर-इम्टेक के निदेशक डॉ. संजीव खोसला ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। श्री सहस्रबुद्धे ने सभी के लिए समावेशी शिक्षा, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक सपना है, को लागू करने की सीएसआईआर-इम्टेक की इस अग्रणी पहल को व्यावहारिक बताया, और इसे सराहा है। डॉ. शुभ्रा चक्रवर्ती, निदेशक, राष्ट्रीय पादप जीनोम अनुसंधान संस्थान (एनआईपीजीआर) और अध्यक्ष-पीएसआई, ने पीएसआई के कार्यक्षेत्र और उपलब्धियों का परिचय दिया। वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ साइन लैंग्वेज इंटरप्रेटर्स के संस्थापक सदस्य अरुण सी. राव ने भारत में अन्य वैज्ञानिक संस्थानों से सीएसआईआर द्वारा पेश किए गए इस उदाहरण का अनुसरण करने का आह्वान किया।

टूल विकसित करने का आग्रह

सीएसआईआर के पूर्व महानिदेशक डॉ. गिरीश साहनी ने वैज्ञानिकों से बधिरों और सुनने में सक्षम लोगों के बीच संचार सुनिश्चित करने के लिए साइन इमेज-टू-टेक्स्ट रूपांतरण अनुप्रयोगों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आईटी-आधारित टूल विकसित करने का आग्रह किया है।

इंडिया साइंस वायर से साभार

Related posts

केंद्र ने कोविड-19 पर नियंत्रण और उसकी रोकथाम के उपायों में राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों की सहायता के लिए दो उच्चस्तरीय केंद्रीय बहु उद्देश्यीय दलों को छत्तीसगढ़ और चंडीगढ़ रवाना किया

Ashutosh Kumar Singh

भारत तैयार कर रहा डिजिटल स्वास्थ्य ढांचा : मांडविया

admin

कोविड-19 पर दिल्ली के इन क्षेत्रों ने पाई विजय

Ashutosh Kumar Singh

Leave a Comment