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स्ट्रोक से बढेंगी मौतें…जूता करेगा बीमार भी

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में स्ट्रोक के कारण दुनियाभर में 66 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई। विश्व स्ट्रोक संगठन और लैंसेट न्यूरोलॉजी कमीशन को 2050 तक 97 लाख तक मौत की आशंका है। विशेषज्ञ कहते हैं कि लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी स्ट्रोक का प्रमुख कारण हो सकता है। इसपर कम उम्र से ही विशेष ध्यान दिए जाते रहने की जरूरत है।

AI जांचेगा बीपी और हार्टरेट

आजकल AI का उपयोग काफी तेज़ी से बढ़ रहा है। अभी IIT गोरखपुर से पढ़े AI इंजीनियर गौरव परचानी ने ऐसा डिवाइस बनाया है, जिससे नर्सों और डॉक्टरों की कमी होने पर भी मरीजों की जान बचाई जा सकेगी। इसकी मदद से ब्लड प्रेशर, ईसीजी और हार्ट रेट की आसानी से जांच की जा सकेगी। इससे पैरामेडिकल स्टाफ की कमी पूरी हो सकेगी।

जूते का सही चयन जरूरी

जूते तो सब पहनते हैं लेकिन ये आपको बीमार भी कर सकते हैं। बीएचयू के फिजिकल एजुकेशन में चल रहे एक रिसर्च में पाया गया है कि जूतों को कंफर्ट के मुताबिक न चुनने के चलते 23 फीसद युवा खिलाड़ी वक्त से पहले ही अनफिट हो जाते हैं। वहां के छात्र सौरभ मिश्रा ने 1000-1500 खिलाड़ियों पर रिसर्च किया है। स्पोर्ट्स शूज पर यह पहली रिसर्च है। लोग ब्रांड और कीमत पर जूते का चयन करते हैं। पेरेंट्स भी बच्चों को बड़ा जूता दिलाते हैं जिससे आगे जाकर परेशानी हो सकती है।

समझें दवा के पैकेट पर पड़े निशान को

दवाइयों के पैकेट पर कई बार खास निशान होते हैं जिनका भी अर्थ है। अगर पैकेट पर लाल रेखा है तो यह इस बात का संकेत है कि डॉक्टर की सलाह के बिना इसका सेवन न कर सके। कई दवा के पत्ते पर NRÛ लिखा होता है तो इसका मतलब है कि उस दवा को लेने की सलाह केवल वे डॉक्टर ही दे सकते हैं। अगर RU लिखा हो तो मतलब है कि इसे डॉक्टर की सलाह पर ही लें। अगर XRU  लिखा हो तो समझें कि वह दवा केवल डॉक्टर ही मरीज को दे सकता है और इसे किसी मेडिकल स्टोर से नहीं खरीदा जा सकता।

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