नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने राज्य सभा में बताया कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पेशेवर चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने के प्रयास कर रही है। एक लिखित उत्तर में उन्होंने बताया कि देश में 13,86,150 पंजीकृत एलोपैथ, आयुष चिकित्सक 7,51,768 हैं। यानी डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात 1:811 होने का अनुमान है।
ग्रामीण पेशेवरों को कई प्रोत्साहन
उन्होंने बताया कि ग्रामीण आबादी को समान स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए एमबीबीएस पाठ्यक्रम में परिवार दत्तक ग्रहण कार्यक्रम (एफएपी) को शामिल किया गया है। एफएपी में मेडिकल कॉलेज गांवों को गोद लेते हैं और एमबीबीएस छात्र इन गांवों में परिवारों को गोद लेते हैं। ग्रामीण एवं दूरदराज के क्षेत्रों में सेवा देने तथा अपने आवासीय क्वार्टरों के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों को हार्ड एरिया भत्ता प्रदान किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में सिजेरियन सेक्शन के लिए विशेषज्ञों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञों, आपातकालीन प्रसूति देखभाल (ईएमओसी) प्रशिक्षित, बाल रोग विशेषज्ञों और एनेस्थेटिस्ट, जीवन रक्षक एनेस्थीसिया कौशल (एलएसएएस) प्रशिक्षित चिकित्सकों को मानदेय प्रदान किया जाता है।
एनीमिया के मोर्चे पर सरकार सक्रिय
एनीमिया से संबंधित एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि सरकार छह उपायों के कार्यान्वयन के माध्यम से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं सहित बच्चों में एनीमिया की रोकथाम के लिए एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी) रणनीति को लागू करती है। इन उपायों में 6-59 महीने के बच्चों के लिए आईएफए सिरप, 5-9 साल के बच्चों के लिए आईएफए गुलाबी गोलियां, 10-19 साल के किशोरों के लिए आईएफए नीली गोलियां, प्रजनन आयु समूह के अलावा गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को आईएफए लाल गोलियां प्रदान की जाती हैं। इसके अलावा कृमि मुक्ति दवा एल्बेंडाजोल देने के अलावा एनीमिया के लिए जांच की व्यवस्था है।
कुष्ठ रोग का हुआ उन्मूलन
कुष्ठ रोग से जुड़े सवाल के क्रम उन्होंने जानकारी दी कि राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम (एनएलईपी) के सफल संचालन से भारत ने 2005 में राष्ट्रीय स्तर पर कुष्ठ रोग के लिए उन्मूलन का दर्जा हासिल किया। यह प्रचलन दर प्रति 10 हजार की जनसंख्या पर एक से कम है। इसके अलावा सरकार ने 30 जनवरी, 2023 को कुष्ठ रोग के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (एनएसपी) और रोडमैप (2023-2027) भी शुरू किया ताकि 2027 तक कुष्ठ रोग के शून्य संचरण प्राप्त किया जा सके। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत कई प्रमुख पहलों पर सरकार सक्रिय है। मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सभी मरीजों को मुफ्त में उपचार प्रदान की जाती हैं।
गुणवत्तापूर्ण दवा का प्रयास
गुणवत्तापूर्ण दवा उपलब्ध कराने के मामले के बारे में उन्होंने बताया कि औषधि निरीक्षक गुणवत्ता जांच के लिए सैंपल लेकर जांच करवाते हैं। उसके नतीजे के आधार पर नकली, गलत ब्रांड वाली या मिलावटी घोषित किया जाता है। नियमित रूप से केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की वेबसाइट पर औषधि चेतावनी शीर्षक के अंतर्गत अपलोड की जाती है। सीडीएससीओ की औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं को एकीकृत करने के लिए सितंबर 2023 से एक ऑनलाइन पोर्टल, सुगम लैब्स की शुरुआत की गई है। यह गुणवत्ता विनिर्देश को पूरा करने और प्रयोगशालाओं में परीक्षण की स्थिति का पता लगाने के लिए चिकित्सा उत्पादों (औषधियों, वैक्सीन, प्रसाधन सामग्री और चिकित्सा उपकरणों) के परीक्षण के लिए संपूर्ण कार्यप्रवाह को स्वचालित करता है।