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कोरोना की आशंका : कसरत की ओर फिर मुड़ने लगे लोग

जानिए जिम प्रेमियों की राय
रोहित बब्बर

देश में कोरोना की नई लहर की दस्तक की बढ़ती आशंका के बीच एक बार फिर लोगों में इम्यूनिटी को लेकर चिंता बढ़ गई है। इम्यूनिटी बढ़ाने वाले विभिन्न उपायों के साथ लोग फिर से अपनी फिटनेस पर ध्यान देने लगे हैं, लेकिन जिम में संक्रमण फैलने के खतरे को देखते हुए बड़ी तादाद में लोग घर अथवा खुले इलाके में कसरत को तरजीह दे रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या में लोग ऐसे भी हैं, जो तरह-तरह के फिटनेस मोबाइल ऐप की मदद से खुद को तंदुरूस्त बनाने के लिए पसीना बहा रहे हैं।
कोरोना संक्रमण की पिछली लहरों ने लोगों को यह सिखा दिया था कि इम्यूनिटी कितना मायने रखती है। ऐसी बड़ी संख्या में लोग हैं, जिन्होंने पहले अपने जीवन में कसरत नहीं की थी लेकिन कोरोना काल में उन्होंने व्यायाम करने का जो क्रम प्रांरभ किया, वह अभी तक जारी है।
इनमें ऐसे लोग थे जिन्होंने अपनी फिटनेस का सिलसिला प्रारंभिक स्तर पर प्रारंभ किया था, लेकिन उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वहीं, काफी संख्या में लोग ऐसे भी रहे, जिन्होंने हालात सामान्य होने के बाद कसरत करना छोड़ दिया। एक वर्ग ऐसा भी है, जो गाहे-बेगाहे कसरत कर लेता है, लेकिन नियमित नहीं है। जिस तरह से चीन से कोरोना के प्रकोप की सूचनाओं का प्रसार हो रहा है, उसे देखते हुए सरकारें भी इसकी रोकथाम में जुट गई हैं। लोग अपने स्तर पर भी इम्यूनिटी बढ़ाने को लेकर चिंता करने लगे हैं।
गाजियाबाद के आरडीसी स्थित एक जिम के मेंबर रवि यादव बताते हैं कि वह जिम को लेकर काफी समय से सकिय हैं। वह नियमित रूप से अपने वर्कआउट के रूटीन को फॉलो करते हैं। उन्होंने लॉकडाउन लगने पर घर पर कसरत करनी प्रारंभ कर दिया था। लेकिन जब हालात सामान्य हो गयी तो फिर जिम जाने लगे। वह मानते हैं कि जो कसरत जिम में होती है, वह घर पर नहीं हो सकती। भले ही आप किस्म-किस्म के उपकरण घर पर ले आएं। उनका कहना है कि इम्यूनिटी को नेचुरल तरीके से बढ़ाने का सबसे बढ़िया उपाय कसरत ही है। कसरत करने से बॉडी की कोशिकाओं में रक्त का प्रवाह बढ़ता है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है जिममें एडवांस तरीके का वर्कऑउट करने से कम समय में इम्यूनिटी को काफी मजबूत किया जा सकता है। उनका कहना है कि अगर कोरोना लौटता है तो वह सरकारी स्तर तक जिम बंद होने तक वहीं अपनी कसरत जारी रखेंगे। जहां तक संभव होगो, सामाजिक दूरी का पालन भी करेंगेे।
वहीं इससे विपरीत दीपांशु रॉय का मानना है कि उन्हें खुले मैदान में रनिंग काफी पसंद है। घर पर वे प्रारंभिक स्तर के वर्कआउट के उपकरण रखे हुए हैं, जिनकी मदद से उन्होंने अपना प्रयास प्रारंभ कर दिया है। उनका मानना है कि जिम में प्रोफेशनल स्तर का वर्कआउट होता है, जबकि सामान्य तौर पर सेहतमंद रहने के लिए आवश्यक वर्कआउट घर पर या मैदान में दौड़ लगाकर भी किया जा सकता है। वह कहते हैं कि जिम में वर्जिश करने पर आपको एडवांस स्तर की खुराक की आवष्यकता होती है, वहीं नॉर्मल कसरत से हम अपनी देह को तंदुरूस्त रख सकते हैं जिससे इम्यूनिटी स्वतः ही मजबूत होती है।

जिम संचालक विक्की का कहना है कि वह कोरोना की नई लहर को देखते हुए अपने कारोबार को लेकर आशंकित हैं। प्रशासन सबसे पहले जिम को अस्थाई तौर पर बंद करा देता है, जिससे कारोबार-रोजगार पर सीधा असर पड़ता है। प्रशासन को चाहिए कि वह इसके विकल्पों की तलाश करे। इसका फायदा तरह-तरह की फिटनेस ऐप को मिलता है। लोग इनका सब्सक्रिप्शन लेकर घर पर कसरत करने लगते हैं। ऐसा कोरोना की पिछली लहरों में देखा गया था। लोगों का इम्यूनिटी के प्रति जागरूक होना अच्छी बात है। पर प्रशासन को उनके रोजगार पर भी ध्यान देना चाहिए।

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