नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। इंडो-जर्मन साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर (IGSTC) सम्पूर्ण स्वास्थ्य और स्थिरता पर एक संयुक्त आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पहल प्रस्तुत करने के लिए पूरी तरह तैयार है। केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी डॉ. जितेन्द्र सिंह ने जर्मन रिसर्च फाउंडेशन (DFG) जर्मन रिसर्च फाउंडेशन) के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ काटजा बेकर द्वारा आयोजित दोपहर के भोज के दौरान यह बात कही। डा. बेकर एक अनुभवी डॉक्टर और शोधकर्ता भी हैं।
भारत-जर्मनी संबंधों में प्रगति
डॉ जितेन्द्र सिंह ने संतोष व्यक्त किया कि भारत और जर्मनी के विज्ञान और प्रौद्योगिकी संबंधों ने हाल के वर्षों में काफी प्रगति की है और वास्तव में बहुआयामी, हितों के महत्वपूर्ण तालमेल, आपसी सद्भावना और उच्चस्तरीय आदान-प्रदान से प्रेरित हैं। डीएफजी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और हम डीएफजी के साथ लंबे समय से चली आ रही साझेदारी को महत्व देते हैं। मंत्री ने भारत और जर्मनी के छात्रों के पीएचडी कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण को लक्षित करते हुए क्षमता निर्माण की दिशा में अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान प्रशिक्षण समूहों (IRTG) लक्षित कार्यक्रम का समर्थन करने के लिए हाल ही में संपन्न समझौता ज्ञापन के बारे में बात की।
तकनीक पर भारत में कई योजनाएं
मंत्री ने उल्लेख किया कि भारत ने हाल के दिनों में साइबर फिजिकल सिस्टम, क्वांटम टेक्नोलॉजीज, भविष्य के निर्माण, ग्रीन हाइड्रोजन फ्यूल, डीप ओशन माइनिंग आदि जैसे कई नए मिशन मोड कार्यक्रम शुरू किए हैं। भारत सरकार और डीएफजी सामाजिक चुनौतियों के ऐसे मुद्दों को हल करने के लिए मिलकर काम करने का पता लगा सकते हैं। दोनों नेता अनुसंधान में भारत और जर्मनी के बीच सहकारी संबंधों को शुरू करने और दीर्घकालिक संबंधों में तेजी लाने के लिए परियोजनाओं के वित्तपोषण के रूप में भारत और डीएफजी के बीच द्विपक्षीय सहयोग के अवसरों का पता लगाने पर सहमत हुए। दोनों नेताओं ने इस बात पर भी सहमति व्यक्त की कि अन्य वैज्ञानिक विभागों के साथ अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान प्रशिक्षण समूह शुरू करने पर भी विचार किया जाए।
क्वांटम कंप्यूटिंग पर भी काम
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने उल्लेख किया कि भारत ने सामाजिक लाभ के लिए क्वांटम कंप्यूटिंग की शक्ति का उपयोग करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। भारत सरकार ने साइबर-भौतिक प्रणाली में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए बहुविषयक साइबर भौतिकी प्रणालियों (NM-ICPS) पर राष्ट्रीय मिशन शुरू किया है। दोनों नेताओं ने लैंगिक समानता पर अपनी-अपनी सरकारों द्वारा की गई नई पहलों और असमानताओं को दूर करने के कार्यक्रमों पर चर्चा की।