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स्वास्थ्य मंत्री ने किया “मैनेजमेंट ऑफ हेल्थकेयर सिस्टम्स” पुस्तक का लोकार्पण

Health Minister officially releases the First Edition of the book “Management of Healthcare Systems

स्वस्थ भारत मीडिया डेस्कः नई दिल्ली
Management of Healthcare Systems : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मंडाविया ने 3 फरवरी को, नई दिल्ली के स्थित अपने कार्यालय में “मैनेजमेंट ऑफ हेल्थकेयर सिस्टम्स” पुस्तक के पहले संस्करण का आधिकारिक विमोचन किया। उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन और अनुसंधान, चंडीगढ़ के प्रो. सोनू गोयल और प्रो. अरुण के अग्रवाल जिन्होंने इस पुस्तक को संपादित किया है और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस जिसने “स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के प्रबंधन” विषय पर यह पुस्तक प्रकाशित की है के कार्यों को विशेष रूप से रेखांकित किया। उन्होंने उल्लेख किया कि देश की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार के लिए, स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के प्रबंधन की दक्षता पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, स्वास्थ्य प्रणाली का ढांचागत् सुदृढ़ीकरण बहुत जरूरी है। विदेश मंत्रालय, भारत सरकार और विभिन्न राज्य स्वास्थ्य मिशनों द्वारा समर्थित प्रोफेसर गोयल द्वारा संचालित विभिन्न प्रबंधन और नेतृत्व कार्यक्रमों की सराहना करते हुए उन्होंने दोहराया कि पर्याप्त विकास हेतु राष्ट्रीय स्तर पर इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित करने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के विभिन्न स्तरों पर उचित रूप से प्रशिक्षित स्वास्थ्य प्रबंधकों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह व्यापक, पाठ्यक्रम-आधारित संदर्भ पुस्तक राज्य और राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रबंधकों के साथ-साथ कई विषयों के शिक्षकों और छात्रों के लिए एक उत्कृष्ट संसाधन साबित होगी।

“पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के प्राध्यापकों द्वारा संपादित “मैनेजमेंट ऑफ हेल्थकेय सिस्टम्स” पुस्तक के पहले संस्करण के लोकार्पण समारोह में बोलते हुए स्वास्थ्य मंत्री एवं देश-दुनिया भर से जुड़े स्वास्थ्य क्षेत्र के दिग्गज

पुस्तक के संपादक प्रो. सोनू गोयल ने कहा कि, स्वास्थ्य देखभाल प्रबंधन प्रणालियों पर एक ऐसी पुस्तक की सख्त आवश्यकता थी जो सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधकों के वास्तविक जीवन परि-दृश्यों में उदाहरणों और केस स्टडी के माध्यम से सैद्धांतिक अवधारणाओं की व्याख्या करे। उन्होंने बताया कि भारत के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों के छात्रों के साथ बातचीत के दौरान इस पुस्तक की आवश्यकता महसूस हुई। उन्होंने आगे बताया कि यह पुस्तक सामुदायिक चिकित्सा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, अस्पताल और स्वास्थ्य प्रबंधन में उच्च डिग्री प्राप्त करने वाले पेशेवरों और दक्षिण एशिया में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधकों के रूप में अभ्यास करने वालों के लिए एक उत्कृष्ट अध्ययन सामग्री सिद्ध होगी।

इस असर पर  स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने इस पुस्तक के सभी लेखकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस तरह की पुस्तकों से हमारी नई पीढ़ी को हेल्थ मैनेजमेंट को समझने में बहुत सहुलियत मिलेगी। उन्होंने डॉ.जेएल मीणा और उनके सभी साथी लेखकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्य की प्रशंसा होनी चाहिए। आज अगर हम इस काम की प्रशंसा करेंगे तो लेखकों का कंफिडेंस और बढ़ेगा और वे और अच्छा करने की सोचेंगे।

इस अवसर पर अपनी शुभकामना देते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीइओ डॉ. आर.एस.शर्मा ने कहा कि गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ, सुगम और किफायती बनाना और इसकी अंतिम जन तक पहुंच को सुनिश्चित करना हमारा ध्येय है। इस ध्येय को पूर्ण करने में इस तरह की पुस्तके बहुत कारगर सिद्ध हो सकती हैं।

तीन वर्ष में 31 लेखकों के सहयोग से लिखी गई यह पुस्तक

तीन वर्षों की अवधि में तमाम लेखकों के संयुक्त प्रयास से लिखी गई यह पुस्तक पाठकों को आधुनिक स्वास्थ्य प्रबंधन की अवधारणाओं और तकनीकों को समझने और प्रबंधकीय भूमिकाओं को कुशल और प्रभावी बनाने में इस समझ का उपयोग करने, विश्लेषणात्मक कौशल विकसित करने, परिचालन समस्याओं का निदान और समाधान करने में, स्वास्थ्य देखभाल और अस्पताल सेवाओं के वितरण में, संस्थागत और समुदाय-आधारित स्वास्थ्य और परिवार कल्याण कार्यक्रमों की प्रभावी योजना, कार्यान्वयन और मूल्यांकन के लिए उपयुक्त रणनीतियों के बारे में सीखने  और गुणात्मक और मात्रात्मक विश्लेषणात्मक उपकरणों के अनुप्रयोग करने में सक्षम बनाने के लिए डिज़ाइन की गई है। पाठकों को विषय की गहन समझ विकसित करने और सिद्धांत और व्यावहारिक-आधारित विश्वविद्यालय परीक्षाओं की तैयारी में मदद करने के लिए पुस्तक में एक व्यावहारिक और केस-आधारित सामग्री संरचना और प्रारूप है। भारत के विभिन्न प्रतिष्ठित प्रबंधन स्कूलों के विषय विशेषज्ञों ने इस पुस्तक में योगदान दिया है, जिससे सामग्री में व्यापक अनुभव और गुणवत्ता प्राप्त हुई है। इस पुस्तक में 31 वर्णनात्मक अध्याय हैं जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर अच्छी तरह से प्रबंधित/सफल सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों के व्यावहारिक केस स्टडीज और प्रत्येक अध्याय के साथ एक आत्म-मूल्यांकन अनुभाग जोड़ा गया है।

कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी  डॉ. आर.एस.शर्मा की इस आयोजन की गरीमा को बढ़ाने का कार्य किया। ऑक्सफोर्ड कार्यालय के प्रतिनिधि और जोनल मैनेजर श्री अतीउर रहमान ने बताया कि यह  पुस्तक अब ऑनलाइन और ऑफलाइन दो रूपो में पाठकों के लिए उपलब्ध है। इस अवसर पर पुस्तक के लेखक व आईआईएचएमआर, नई दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ संजीव कुमार,  राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, भारत सरकार के संयुक्त निदेशक एवं एसपीई, विभाग के प्रमुख डॉ. जीतू लाल मीणा और  डॉ. स्वाति सिंह राठौर, स्वस्थ भारत के चेयरमैन आशुतोष कुमार सिंह सहित तमाम गणमान्य लोग विमोचन समारोह में मौजूद थे।

 

 

 

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