पटना (स्वस्थ भारत मीडिया)। यहां के प्ळप्डै में एक ऐसी हाईटक लैब तैयार की जा रही है जहां एक साथ दिल और दिमाग की बीमारियों की जांच की जा सकेगी। इतना ही नहीं बुढ़ापे में जिन मरीजों की नस नहीं मिलती है, उनकी समस्या का समाधान भी इस लैब में किया जा सकेगा। उम्मीद है कि इस लैब के शुरू होने के बाद बिहार के मरीजों को जांच के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
बिहार में दिल-दिमाग के रोगियों की संख्या ज्यादा
रिपोर्ट के अनुसार बिहार में दिल और दिमाग के रोगियों की संख्या काफी ज्यादा है और साधन सीमित। ऐसे में जांच में देरी या फिर सही जांच नहीं होने की वजह से इलाज प्रभावित होता है। इस समस्या को दूर करने के लिए IGIMS में बाइप्लेन कैथ लैब बनाया जा रहा है. जिसमें मरीजों के दिल से लेकर दिमाग तक की बीमारियों की जांच हो सकेगी। यह राज्य में पहला हाईटेक लैब होगा। चिकित्सकों के अनुसार ऐसी मशीन काफी महंगी आती है, जिससे दो तरह की जांच की जाती है। यह मोनो प्लेन और बाई प्लेन होती है। अधिकतर अस्पतालों में मोनो प्लेन कैथ लैब देखा जाता है, क्योंकि ये काफी सस्ती पड़ती है। बाई प्लेन कैथ लैब की मशीन काफी महंगी आती है, लेकिन इसमें दो तरफा जांच की सुविधा उपलब्ध होती है।
गंभीर रोगों के उपचार में मिलेगी सहायता
एक्सपर्ट बताते हैं कि बाइप्लेन से एक ही मशीन से न्यूरो और कार्डियक के साथ ब्लड वेसल्स की जांच की जाती है। यह काफी एडवांस मशीन होती है, इसमें टू सी आर्म होता है। बाई प्लेन कैथ लैब से हार्ट और ब्रेन एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, पेस मेकर, वीएमबी, बैलूनिंग, वैस्कुलर में जांच काफी आसानी हो जाएगी। इसके अलावा ब्रेन ट्यूमर, ब्रेन हेमरेज, ब्रेन में खून का थक्का, ब्रेन की नस फटने से जुड़े मामलों में जांच काफी सूक्ष्मता से हो सकेगी।