स्वस्थ भारत मीडिया
समाचार / News

समलैंगिक संबंधों में मंकीपाक्स से ज्यादा खतरा : स्टडी

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। किसी बीमारी को फैलने के पीछे केवल हाइजीन और खानपान ही मुख्य कारण होता है लेकिन मंकीपॉक्स के मामले में सेक्स भी एक कारण बताया जा रहा है। यह रोग मई में सामने आया और अब तक ब्रिटेन, स्पेन, जर्मनी, फ्रांस, अमेरिका और ब्राजील समेत 90 देशों में फैल चुका है।

यौन विकृतियां भी वजह

माना जा रहा है कि वर्तमान प्रकोप यौन रूप से सक्रिय समलैंगिक, बाई सेक्सुअल और अन्य पुरुषों को प्रभावित कर रहा है, जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं। 528 मंकीपाक्स संक्रमणों की एक यूरोपियन स्टडी में देखा गया कि 98 प्रतिशत संक्रमण इस समूह में हुए थे। मंकीपाक्स वायरस के संक्रमण के कारण होने वाली बीमारी है, जो चेचक के समान वायरस परिवार से आती है। इसके लक्षण चेचक के समान होते हैं और इसमें बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, ठंड लगना, ठंड के लक्षण शामिल हैं। लक्षण चेहरे, जननांगों, छाती, पीठ और हाथों व पैरों पर फफोले में दिखाई देने वाले दाने के साथ भी होते हैं।

स्टडी में चला पता

कुछ लोगों को मुंह में या नीचे के अंदर भी बहुत दर्दनाक घावों का अनुभव होता है। ज्यादातर लोग आमतौर पर दो से तीन सप्ताह के भीतर ठीक हो जाते हैं। शोध से यह भी पता चला कि वीर्य के 90 प्रतिशत से अधिक नमूनों में इसका वायरस पाया गया था। हालांकि, अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि वीर्य में वायरस संक्रामक है या नहीं। इसका मतलब यह है कि यह संक्रमित व्यक्ति के साथ किसी भी करीबी व्यक्तिगत संपर्क के माध्यम से घरों में फैल सकता है न कि केवल यौन अंतरंगता के कारण। अध्ययन में शामिल लगभग 95 प्रतिशत लोगों में दाने थे, जो ज्यादातर जननांगों पर थे। लगभग 41 प्रतिशत को शरीर के अंदर (गुदा या मुंह सहित) घाव थे।

Related posts

बिहार सरकार कोरोना वैक्सीन खरीद कर करायेगी टीकाकरण

admin

हरियाणा की छह बालिकाएं बनेंगी स्वस्थ् बालिका स्वस्थ समाज का गुडविल अम्बेसडर

Ashutosh Kumar Singh

सरकारी योजनाओं में अब मिलेगा फोर्टिफाइड चावल

admin

Leave a Comment