नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। चंडीगढ़ PGI के विशेषज्ञों ने लिवर कैंसर के मरीजों के इलाज को दी जाने वाली 10 लाख की विदेशी दवा को बनाने का फॉर्मूला ढूंढ लिया है। इसे PGI लिवर कैंसर के मरीजों को महज पांच हजार रुपये में उपलब्ध करा रहा है। पीजीआई न्यूक्लियर मेडिसिन के डॉक्टरों ने इसे तैयार किया है और इसका पेटेंट भी मिल चुका है। इस दवा को बनाने वाली विभाग की प्रो. जया शुक्ला ने बताया कि कनाडा से जो माइक्रोस्पेयर्स 10 लाख में उपलब्ध हो रहा है, उसे ही हमने कम खर्च में बनाया है। यह तरल के बदले पाउडर फार्म में है जिसे लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
ब्रेन हेल्थ पर टास्कफोर्स गठित
भारत में मस्तिष्क विकार के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने नेेशनल टास्क फोर्स ऑफ ब्रेन हेल्थ गठित की है। टास्क फोर्स 15 जुलाई को अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। गौर किया गया है कि पिछले तीन दशकों में भारत में स्ट्रोक, मिर्गी, पार्किंसंस रोग और डिमेंशिया सहित मस्तिष्क की बीमारियां बढ़ी हैं। खासकर शहरी भारतीयों में। ग्लोबली देखा जाये तो अल्जाइमर 60 लाख से अधिक लोगों को प्रभावित करता है। ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार लगभग 44 बच्चों में से एक में होता है। ब्रेन ट्यूमर और अन्य तंत्रिका तंत्र के कैंसर अपेक्षाकृत दुर्लभ हैं, जो सभी कैंसर का 1.3 फीसद है। मिर्गी से दुनियाभर की 1.2ः आबादी प्रभावित है तो हर वर्ष लगभग 8 लाख लोगों को स्ट्रोक होता है।