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भारत के आठवें अंतरराष्ट्रीय विज्ञान फिल्म पुरस्कार घोषित

भोपाल। इंटरनेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (ISFFI)-2022में देश एवं दुनिया की कुल 13 फिल्मों को पुरस्कार मिला है। इसमें चार विदेशी और नौ भारतीय फिल्में हैं। अंतरराष्ट्रीय विज्ञान फिल्म पुरस्कारों की ‘सतत् विकास के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार’ श्रेणी के अंतर्गत पहला पुरस्कार इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स द्वारा निर्मित अंग्रेजी फिल्म ‘हानले: इंडियाज फस्र्ट डार्क स्काई रिजर्व’ को दिया गया है। यह फिल्म लद्दाख के हानले में भारत के पहले डार्क स्काई रिजर्व के पीछे के विचार को प्रस्तुत करती है। प्रकाश प्रदूषण पर इसका फोकस है।

मलबे के खतरे पर भी फिल्म पुरस्कृत

इस श्रेणी में दूसरा पुरस्कार सत्यजित रे फिल्म ऐंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट, कोलकाता द्वारा बांग्ला एवं अंग्रेजी में निर्मित ‘बोर्शी-द फिश’ को मिला है। यह फिल्म आधुनिक कोलकाता में वेटलैंड मत्स्यपालन की संभावनाओं तथा अपशिष्ट जल प्रबंधन, कैप्टिव मछली उत्पादन और मछुआरों की स्थिति को रेखांकित करती है। इसी श्रेणी में तीसरा पुरस्कार अर्जुन रॉय, हर्षवर्धन ओझा एवं अनिमेष पांडेय द्वारा निर्देशित एवं अपरेश मिश्रा द्वारा निर्मित ‘मलबा-मलबा’ फिल्म को मिला है। यह फिल्म मलबे के ढेर से पैदा होने वाले आसन्न खतरों को उजागर करती है। ‘जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार’ नामक दूसरी श्रेणी के अंतर्गत पहला पुरस्कार विपुल कीर्ति शर्मा द्वारा निर्देशित एवं अशोक शर्मा द्वारा निर्मित फिल्म ‘स्ट्रगल फॉर सर्वाइवल’ को मिला है। यह फिल्म जमीन पर घोसला बनाने वाली गौरेया के आकार की बगेरी (Ashy-crowned sparrow-lark) नामक चिड़िया और टिटहरी (Lapwingह) जैसे पक्षियों पर केंद्रित है। इस श्रेणी में दूसरा पुरस्कार यूके के निर्देशक लिओन मिशेल एवं निर्माता सिनालाइट की फिल्म ‘सीक्रेट्स ऑफ द फॉरेस्ट’ को मिला है। तीसरा पुरस्कार फिलीपीन्स की फिल्म ‘आई वाज जस्ट ए चाइल्ड’ को मिला है। इस फिल्म के निर्माता एवं निर्देशक ब्रीच एशेर मर्फिल हारानी हैं।

स्पेशल जूरी पुरस्कार बीजू पंकज की फिल्म को

‘बेहतर जीवन के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार‘ नामक तीसरी श्रेणी के अंतर्गत पहला पुरस्कार अमेरिकी फिल्मकार टिफेनी डीटर की फिल्म ‘बायोफिजिकल फील्ड मेथड्स: गोबाबेब’ को दिया गया है। इस श्रेणी में दूसरा पुरस्कार भारत के फिल्मकार दीपक कुमार की फिल्म ‘एक्स्प्लोरिंग द ग्रेट इंडियन लिगेसीस’ और तीसरा पुरस्कार विज्ञान प्रसार द्वारा निर्मित एवं राकेश अंदानिया द्वारा निर्देशित फिल्म ‘सेविंग द हिमालयन याक’ को मिला है। बीजू पंकज द्वारा निर्देशित एवं मातृभूमि टेलीविजन द्वारा निर्मित ‘वंडर्स ऑफ हेमलकासा’ फिल्म के लिए एक स्पेशल जूरी पुरस्कार प्रदान किया गया है। इसके अलावा, तीन स्पेशल जूरी मेंशन पुरस्कार ‘रिक्लेमिंग वेस्टलैंड इन भोपाल’, ‘क्राइसिस’ और ‘आचार्य पीसी रे: द नेशनलिस्ट साइंटिस्ट’ को दिया गया है। ‘आचार्य पीसी रे: द नेशनलिस्ट साइंटिस्ट’ के निर्देशक नंदन कुधयादि और निर्माता विज्ञान भारती है। इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान की फिल्म ‘क्राइसिस’ के निर्माता शिवा मोमताहन और निर्माता सीमा मोमताहन हैं। जबकि, ‘रिक्लेमिंग वेस्टलैंड इन भोपाल’ फिल्म के निर्देशक मिधुन विजयन और निर्माता जोएल मिशेल हैं।

इंडिया साइंस वायर से साभार

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