स्वास्थ्य व्यवस्था में फार्मासिस्ट एक बहुत ही महत्वपूर्ण कड़ी हैं। भारतीय दवा उद्योग व सरकारी उदासिनता के कारण यह कड़ी हमेशा से कमजोर रही है अथवा यह कहा जाए की कमजोर रखा गया है। बीते एक वर्ष में पूरे देश के फार्मासिस्ट अपनी मांगों को लेकर एकजुट होते दिख रहे हैं, जिसका सकारात्मक नतीजा दिखने लगा है। देवेन्द्र प्रताप सिंह ने फार्मासिस्टों की समस्या को लेकर स्वास्थ्य मंत्री को एक पत्र लिखा था, जिसका जवाब स्वास्थ्य मंत्री की ओर से आया है। फार्मासिस्टों को उम्मीद है कि नई सरकार उनकी बात को सुनेगी। फार्मासिस्टों के वाजिब मांगों का समर्थन स्वस्थ भारत अभियान शुरू से करता आया है और स्वस्थ भारत अभियान का यह मानना रहा है कि फार्मासिस्टों को उनका अधिकार मिलना चाहिए।
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