कानपुर / क्षितिज कुमार :
अक्सर देखा गया है की रोज की व्यस्त दिनचर्या में हम अनेकों प्रकार की मानसिक तनाव , शारीरिक, काम के बोझ , आजीविका की चिंता आदि और शारीरिक कष्टों यथा वातावरणीय प्रभाव से गुजरते रहते हैं ! इन सभी प्रतिकूल परिस्थितियों का असर कहीं न कहीं हमारे स्वस्थ्य पर पड़ता है ! अधिकतर व्यक्ति इनके द्वारा उत्पन्न विकारों जैसे डिप्रेशन, नींद न आना सिरर्दद, बवासीर, बुखार नजला खांसी पेट दर्द अपच इत्यादि से ग्रस्त हो जाते हैं ! अधिकतर समय इन विकारों से तुरंत लाभ पाने के लिए किसी के द्वारा सुझाई गयी या टीवी में अख़बार में दिखाई गयी विभिन्न औषधियों का सेवन करने लगते हैं ! फार्मासिस्ट डॉक्टर या किसी की सलाह न लेकर खुद ही डॉक्टर बन जाते हैं, यह गलत ही नहीं खतरनाक भी है ! हर दवा का साइड इफ़ेक्ट होता है, हर एक दवा की अपनी अलग कार्यप्रणाली होती है ! जरुरी नहीं की जो दवा एक व्यक्ति को फायदा करे वह दुसरे को भी उतना ही फायदा करे ! इस प्रकार बिना दवा के बारे में पूर्णरूपेण जाने बिना किसी व्यक्ति की सलाह लिए यदि दवा खाई जाती है तो हो सकता है की तात्कालिक रूप से तो लाभ प्रदान करें, परन्तु बाद में कैंसर , मानसिक विक्षिप्तता , नपुंसकता, आंत की खराबी इत्यादि जैसे कई गंभीर विकारों को शरीर में उत्पन्न करतें हैं ! इनसे बचने के लिए हमें उचित सलाह की जरुरत होती है जो दवाओं के बारें में जानकारी रखने वाला ही बता सकते हैं ! जैसे फार्मासिस्ट या डॉक्टर ! फार्मासिस्ट हर मेडिकल स्टोर, फार्मेसी पर उपलब्ध होते हैं जिनका काम ही चिकित्सीय परामर्श के बाद मरीजों की काउंसिल करना और दवा और खुराक के बारे में पूरी जानकारी देना है ! यहाँ ध्यान देने योग्य ये बात है की कई मेडिकल स्टोर सरकार की आँखों में धूल झोंककर सेल्समैन द्वारा दवा बेचने का काम करवा रहे हैं ! सेल्समैन दवा की सटीक जानकारी नहीं दे सकते ! अतः केवल फार्मासिस्ट वाले मेडिकल स्टोर या फार्मेसी से ही दवा लें ! हमेशा सही सलाह व पूरी जानकारी के साथ ही खाएं ! याद रखें सही सलाह और सही इस्तेमाल पर दवा अमृत है तो गलत सलाह और अधूरी जानकारी के साथ लेने पर यह जहर भी हो सकती है I
(लेखक क्षितिज कुमार मास्टर ऑफ़ फार्मेसी प्रोफेशनल हैं और वर्तमान में प्रो इंडिया नामक फार्मासिस्ट संगठन से जुड़े है)