रायपुर/ 02.06.2016
लापरवाही के तमाम मामले सामने आते हैं। जब लापरवाही के शिकार आम लोग होते हैं तो जांच बैठा दी जाती है। साल दर साल चलने वाली जांच का नतीजा भी सामने आता है। जहां कुछ लोग बाइज्जत बरी हो जाते हैं। वहीं कुछ लोगों को मामूली सजा मिल जाती है। लेकिन ये मामला थोड़ा अलग है। केमिस्ट की लापरवाही का शिकार कोई आम आदमी नहीं था। बल्कि छत्तीसगढ़ के नगरीय प्रशासन और आबकारी मंत्री अमर अग्रवाल थे। मंत्री जी का संतरी उनके लिए दवा लेने गया। केमिस्ट ने पर्चे के मुताबिक दवा दी। मंत्री जी ने दवा खाया लेकिन उनकी सेहत सुधरने की जगह और खराब हो गयी। लेकिन जो राजनेता सामान्य हादसों की जांच के लिए आयोग बनाने की मांग करते हैं। वैसा कुछ इस मामले में नहीं हुआ। आरोपी केमिस्ट की न तो दलील सुनी गयी और न ही अपील। उसकी दुकान पर ताला लगाने का फरमान आ गया।
क्या है मामला ?
बीबीसी के मुताबिक मंत्री जी का एक कर्मचारी राजधानी रायपुर के एक मेडिकल स्टोर में पहुंचा। उसने डॉक्टर की पर्ची दिखा कर कुछ दवाइयां लीं। आरोप है कि दवा खाने के बाद मंत्री जी का ब्लड प्रेशर लो हो गया। कि मंत्री जी को बैठक छोड़कर घर लौटना पड़ा। डॉक्टरों को बुलाया गया तो पता चला कि मेडिकल स्टोर के दुकानदार ने ग़लत दवा दे दी है। इसकी पूरी जानकारी ज़िले के कलेक्टर को दी गई। कलेक्टर ने खाद्य और औषधि विभाग को तलब किया. खाद्य और औषधि विभाग ने तुरंत दुकान पर छापा मार कर कार्रवाई शुरू कर दी।
छत्तीसगढ़ फार्मासिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विनी गुर्देकर ने कहा है की राजधानी समेत कई जिलों में बगैर फार्मासिस्ट कई दुकानों का सञ्चालन किया जा रहा है । जबकि ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट 1940 रूल 1945 और फार्मेसी एक्ट 1948 की धारा के तहत केवल एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट ही दवा देने के लिए प्राधिकृत है । अश्विनी ने बगैर फार्मासिस्ट के चल रही तमाम दवा दुकानों पर करवाई की मांग सरकार से की है ।
आल इंडिया केमिस्ट एंड ड्रिस्ट्रीब्यूशन फ़ेडरेशन के महासचिव गितेश्वर चंद्राकर ने बताया, ”दवा दुकान को बंद कर दिया गया और फिर नगरीय प्रशासन विभाग का अमला पुलिस के साथ दुकान तोड़ने के लिए आ पहुंचा. हमारे विरोध के बाद कहीं जाकर कार्रवाई रोकी गई। चंद्राकर का कहना था कि इस घटना के बाद राज्य भर के मेडिकल और केमिस्ट का व्यवसाय करने वालों में भय का वातावरण है।
गौरतलब है कि अमर अग्रवाल रमन सिंह सरकार में नगरीय प्रशासन और आबकारी मंत्री हैं। पहले वो छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री थे।
स्रोत : जागरण
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