नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (CCRAS), आयुष मंत्रालय के शोध प्रकाशन जर्नल ऑफ ड्रग रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंसेस (JDRAS) का एक विशेष अंक आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा द्वारा जारी किया गया। यह विशेष संस्करण आयुर्वेद आहार के उभरते क्षेत्र को समर्पित है। यह पारंपरिक आयुर्वेदिक आहार ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक समझ के साथ जोड़ने के आयुष मंत्रालय के चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मौके पर कोटेचा ने कहा कि आज के खाद्य-संबंधी चुनौतियों का समाधान पारंपरिक जड़ों से जुड़े नवाचारी, विज्ञान-समर्थित उपायों से ही संभव है।
किडनी रोग के लिए नया डिवाइस
किडनी रोग के निदान और जल्द उपचार के लिए IIT BHU के वैज्ञानिकों ने एक माइक्रोचिप डिवाइस विकसित किया है। इस डिवाइस को स्कूल ऑफ बायोकैमिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर प्रांजल चंद्रा और पीएचडी छात्रा दिव्या ने विकसित किया है, जो पारंपरिक महंगे और समय-खपत वाली जांचों का बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। प्रोफेसर चंद्रा के अनुसार इस बीमारी से महिलाओं और हृदय रोगियों पर खास असर पड़ता है। यह डिवाइस विशेष रूप से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए उपयोगी है, जहां उन्नत उपकरणों की कमी होती है। यह 10 मिनट के भीतर किडनी रोग की पहचान कर सकता है।
अमेरिका से दवा वापस ले रही कंपनी
डॉ. रेड्डीज लैब्स अमेरिकी बाजार में अपनी 3.3 लाख बोतल दवाइयों को बाजार से वापस लेगी। इन दवाओं का इस्तेमाल हाई कैल्शियम लेवल संबंधी इलाज में किया जाता है। अमेरिकी फूड और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) की हालिया एंफोर्समेंट रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी CGMP (करेंट गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस) की वजह से अमेरिकी बाजार में सिनाकैल्सेट टैबलेट्स के 3,31,590 बोतलों को अमेरिकी बाजार से रिकॉल करेगी।