नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 नवंबर को उत्तर बिहार के दरभंगा में एम्स की आधारशिला रखी और 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन किया। बिहार का यह दूसरा एम्स होगा।
बंगाल और नेपाल को भी होगा लाभ
अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि एम्स दरभंगा जैसी परियोजनाएं न केवल बिहार बल्कि पश्चिम बंगाल और नेपाल के पड़ोसी क्षेत्रों के लोगों को मुंबई और दिल्ली जाने के बजाय गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा का लाभ उठाने में सक्षम बनाएंगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार स्वास्थ्य सेवा के प्रति समग्र दृष्टिकोण के साथ काम करती है जो पिछली सरकारों से अलग है। उनकी पहचान दिल्ली में केवल एक कार्यात्मक एम्स और देश में अन्य जगहों पर बमुश्किल चार और पांच ऐसी सुविधाओं में कोई उपचार सुविधा उपलब्ध नहीं थी।
डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने पर फोकस : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज, हमारे पास देश भर में दो दर्जन से अधिक एम्स हैं। 1.5 लाख आरोग्य मंदिरों के माध्यम से कमजोर वर्गों के लोगों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा आयुष्मान भारत योजना से चार करोड़ से अधिक लोगों को लाभ मिला है। मोदी ने देश भर के मेडिकल कॉलेजों में 75,000 नई सीटें जोड़ने के अलावा हिंदी और अन्य स्थानीय भाषाओं में चिकित्सा में पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति देकर डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने के लिए अपनी सरकार के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।
जेटली से किया था आग्रह : नीतीश
इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दरभंगा में एम्स के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और याद किया कि उन्होंने सबसे पहले दिवंगत भाजपा नेता अरुण जेटली से उत्तर बिहार के इस शहर में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के लिए अनुरोध किया था। मालूम हो कि दरभंगा एम्स की स्थापना 1,264 करोड़ की लागत से एकमी-शोभन बाईपास पर 187 एकड़ भूमि पर की जा रही है। इसमें 750 बिस्तरों वाला सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल/आयुष ब्लॉक, 125 सीटों वाला मेडिकल कॉलेज, 60 सीटों वाला नर्सिंग कॉलेज, मरीजों और उनके परिचारकों के लिए एक रैन बसेरा, डॉक्टरों, छात्रों और कर्मचारियों आदि के लिए आवासीय सुविधाएं होंगी।