नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री भारत
प्यारे देशवासियों, 2014 में इसी लाल किले की प्राचीर से जब मैंने स्वच्छता की बात की थी, तो कुछ लोगों ने इसका मजाक उड़ाया था, मखौल उड़ाया था। कुछ लोगों ने ये भी कहा था अरे, सरकार के पास बहुत सारे काम हैं ये स्वच्छता जैसे में अपनी ऊर्जा क्यों खपा रहे हैं। लेकिन भाइयों-बहनों, पिछले दिनों WHO की रिपोर्ट आई है और WHO कह रहा है कि भारत में स्वच्छता अभियान के कारण 3 लाख बच्चे मरने से बच गए हैं। कौन हिन्दुस्तानी होगा जिसको स्वच्छता में भागीदारी बन करके इन 3 लाख बच्चों की ज़िन्दगी बचाने का पुण्य पाने का अवसर न मिला हो। गरीब के 3 लाख बच्चों की जिन्दगी बचाना कितना बड़ा मानवता का काम है। दुनिया भर की संस्थाएं इसको recognise कर रही हैं।
अगला वर्ष महात्मा गांधी की 150वीं जयंती का वर्ष है। पूज्य बापू ने, अपने जीवन में, आज़ादी से भी ज़्यादा महत्व स्वच्छता को दिया था। वो कहते थे कि आजादी मिली सत्याग्रहियों से, स्वच्छता मिलेंगी स्वच्छाग्रहियों से। गांधी जी ने सत्याग्रही तैयार किए थे और गांधी जी की प्रेरणा ने स्वच्छाग्रही तैयार किए हैं। और आने वाले, 150वीं जयंती जब मनाएंगे, तब ये देश पूज्य बापू को स्वच्छ भारत के रूप में, ये हमारे कोटि-कोटि स्वच्छाग्रही, पूज्य बापू को कार्यान्जलि समर्पित करेंगे। और एक प्रकार से जिन सपनों को ले करके हम चले हैं, उन सपनों को पूरा करेंगे।
मेरे भाइयों-बहनों, ये सही है, कि स्वच्छता ने 3 लाख लोगों की ज़िंदगी बचाई है। लेकिन कितना ही मध्यम वर्ग का सुखी परिवार क्यों न हो, अच्छी-खासी आय रखने वाला, व्यक्ति क्यों न हो, गरीब क्यों न हो, एक बार घर में बीमारी आ जाए तो व्यक्ति नहीं पूरा परिवार बीमार हो जाता है। कभी पीढ़ी दर पीढ़ी बीमारी के चक्कर में फंस जाती है।
(15 अगस्त, 2018 को लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वास्थ्य विषयक संबोधन का संपादित अंश)
सोर्स- http://www.pib.nic.in/Pressreleaseshare.aspx?PRID=1543106
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