अजय वर्मा
नयी दिल्ली। कोरोना के नए-नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं जिनसे जोखिम का खतरा बना हुआ है। वैश्विक स्तर पर BF. 7 के बाद XBB. 1.5 की चर्चा अब पुरानी हो चली क्योंकि XBB.1.5 का नया फेस बनकर Kraken सामने आ गया है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी नए वैरिएंट्स को अधिक संक्रामक बताते हुए इससे बचाव के उपाय करते रहने की सलाह दी है।
डेल्टा या उससे भी खतरनाक
XBB.1.5 नया वैरिएंट है, जिसकी प्रकृति को समझने के लिए अध्ययन जारी है। वैज्ञानिकों ने इसे Kraken की संज्ञा दी है। प्रारंभिक शोध में उन्होंने पाया कि कुछ मामलों में यह अब तक के सबसे खतरनाक कोरोना के डेल्टा वैरिएंट या उससे भी खतरनाक हो सकता है। भारत में दूसरी लहर के दौरान डेल्टा ने ही तबाही मचायी थी। चिंता इसके प्रसार दर को लेकर है।
भारत में फिलहाल 8 मामले
XBB.1.5 वैरिएंट के मामले भारत में भी बढ़ रहे हैं। दिसंबर 2022 में इसका पहला मामला गुजरात में आया था। फिरं उत्तराखंड में मिला। देश में इस वैरिएंट से संक्रमितों की संख्या अब तक 8 हो गई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बढ़ते खतरे से बचाव बहुत आवश्यक है। यह वैरिएंट न केवल तेजी से फैल सकता है बल्कि हॉस्पिटलाइजेशन के मामले भी बढ़ सकते हैं। बहुत ही कम समय में यह वैरिएंट लगभग 30 देशों में फैल चुका है।
बूस्टर डोज को भी दे सकेगा चकमा
देखा गया है कि ओमिक्रॉन भले ही अधिक संक्रामक रहा किंतु इससे गंभीर रोगों को जोखिम नहीं आया। इसके विपरीत क्रैकन से प्रभावित अमेरिका के अस्पतालों में रोगियों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। एक्सपर्ट के मुताबिक 70 वर्ष से अधिक उम्र लोगों में इसका जोखिम अधिक है पर कई हिस्सों में कम उम्र के लोगों को भी भर्ती होने की जरूरत पड़ रही है। बूस्टर वैक्सीन वाले भी इसके शिकार हो सकते हैं।