नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। सिकल सेल (SCD) एक अनुवांषिक रोग है जिसके दुनिया भर में लाखों मरीज हैं। भारत के जनजातीय समुदाय में यह बीमारी ज्यादा है और सरकार ने भी इसकी चिकित्सा और रोकथाम के लिए अभियान चलाया हुआ है। अब अमेरिका की स्वास्थ्य विशेषज्ञ समिति ने का नई जीन थेरेपी एक्सा-सेल से इलाज की अनुमति दे दी है।
भारत में करीब 10 लाख मरीज
एक्सपर्ट के मुताबिक मौजूदा इलाज के मुकाबले एक्सा सेल कम दर्दनाक और ज्यादा प्रभावी माना जा रहा है। अमेरिका में एक लाख लोग SCD के पीड़ित हैं, तो वहीं हर 13 में एक अश्वेत में इसके जीन हैं। भारत में आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा 2016 से 2018 के बीच 1.13 करोड़ नागरिकों की स्क्रीनिंग करवाई गई, जिसमें 9.96 लाख में एससीडी के जीन मिले और 47,311 लोग पीड़ित पाए गए। जनजातीय कार्य मंत्रालय के अनुसार जनजातीय समुदाय के लोगों को यह रोग बड़ी संख्या में चपेट में लेता है।
दो कंपनियों ने किया विकसित
इसे बोस्टन की फार्मा कंपनी वर्टेक्स और स्विट्जरलैंड की सीआरआईएसपीआर ने विकसित किया है। एससीडी जीन के म्यूटेशन से होता है। 70 साल पहले इस बीमारी की पहचान हुई थी। इसमें मानव की रक्त कोशिकाओं का आकार हंसिए जैसा या चंद्राकार हो जाता है। यह कम उम्र में ही असर दिखाने लगता है। फिलहाल बोन मैरो ट्रांसप्लांट, कीमो, रक्त चढ़ाने इसके मौजूदा इलाज हैं। वैसे अमेरिका की नयी तकनीक काफी खर्चीली साबित होगी। अनुमान है कि इस पर करोड़ों का खर्च बैठेगा।