नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि जिम जाने वालों की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। वैसे आंकड़ा डराने वाला नहीं है। एक हेल्थ पोर्टल कं मुताबिक 7 में से एक पुरुष की प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है। दरअसल जिम जाने वाले लोग प्रोटीन सप्लीमेंट के माध्यम से एनाबॉलिक स्टेरायड लेते हैं। असल चिंता महिला हार्मोन एस्ट्रोजन का हाई लेवल है जो प्रोटीन सप्लीमेंट के रूप में लिया जाता है। इससे शुक्राणु कमजोर होते हैं और यही बांझपन को बढ़ाता है। मीव भी पुरुषों में बांझपन पर चिंतित है। उसके मुताबिक 6 में एक पुरुष इससे प्रभावित हैं।
ज्यादा मोबाइल देखने से बच्चों में मायोपिया का खतरा
कोरोना काल से ज्यादातर बच्चे मोबाइल और लैपटॉप देखने के आदी हो चुके हैं। स्कूलों की बंदी ने बच्चों का स्क्रीन टाइम और भी ज्यादा बढ़ा दिया। लेकिन कच्ची उम्र में यह सब उनमें मायोपिया जैसी बीमारी भी दे रहा है। इसमें आंखों की पुतली का आकार बढ़ने से इमेज रेटिना की जगह थोड़ा आगे बनता है। इससे उन्हें दूर की चीजें देखने में परेशानी होती है। एक्सपर्ट के मुताबिक जो बच्चे जितने छोटी स्क्रीन पर समय देंगे उन्हें मायोपिया का खतरा उतना ही ज्यादा होगा।
पैरों की भी होती है एंजियोप्लास्टी
आमतौर पर एंजियोप्लास्टी का उपयोग दिल संबंधी समस्या होने पर किया जाता है, लेकिन डायबिटीक फुट के मामले में भी यह तकनीक बेहद उपयोगी है। कर्नाटक के डायबिटीक फुट सर्जन डॉ. सुनील कारी ने एक आयोजन में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मधुमेह की वजह से रक्त वाहिका में वसा, कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम जम जाता है। ऐसे में दिल की तरह पैर में भी बैलून एंजियोप्लास्टी कर इस्टेंट यानी धातु की जाली वाली ट्यूब डालते हैं। इससे रक्त वाहिका में खून का प्रवाह सामान्य हो जाता है। वहां मुंबई के डॉ. सुरेश पुरोहित ने बताया कि हायपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी (HOBT) से भी घाव जल्दी भरता है। जिस अंग में ऑक्सीजन कम होती है, वहां इसका उपयोग किया जाता है।