नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। आयुर्वेद में उपचार के लिए जड़ी-बूटियों का प्रयोग किया जाता है। उसमें एक अश्वगंधा भी है। अब बनारस हिंदू विष्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने रिसर्च कर बताया है कि इससे कोरोना के जीन को नष्ट किया जा सकता है। उन्हें अश्वगंधा के मॉलीक्यूल्स से कोरोनावायरस से जीन को नष्ट करने में सफलता हासिल मिली है।
जर्मन पेटेंट भी मिला
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह बड़ी सफलता इसलिए है कि कोरोना वायरस पर अश्वगंधा के मॉलिक्यूल के प्रभाव का पहली बार सफल अध्ययन किया गया है। साथ ही इसे जर्मन पेटेंट भी मिल चुका है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही भारत को कोरोना से लड़ने के लिए एक बहुत ही बड़ा हथियार मिल जाएगा। इस विषय पर करीब तीन साल से अध्ययन चल रहा था। रिसर्च में अश्वगंधा के 41 पौधों के करीब तीन हजार मॉलिक्यूल का परीक्षण किया गया था।
ह्यूमन ट्रायल भी सफल
बताया जा रहा है कि अश्वगंधा में मौजूद सॉम्निफेरिसिन फाइटो मॉलिक्यूल ग्रोथ इनहिबिटर कोरोना वायरस के जीन को खत्म करने में प्रभावी साबित हुआ है। अच्छी बात यह है कि अश्वगंधा का यह मॉलिक्यूल एक साथ करीब तीन जीन को खत्म करने में मदद कर सकता है। सरकार की मदद से इस पर ट्रायल ह्यूमन सेल किया गया, जो सफल रहा है।