नेशनल कैंसर अवेयरेस डे (7 नवंबर) पर विशेष
नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। दुनिया में कैंसर से सर्वाधिक मौत हो रही है। भारत में भी कई प्रकार के कैंसर से आठ-नौ लाख लोगों की मौत हर साल हो रही है। इसके प्रति लोगों को अलर्ट करने और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल सात नवंबर को नेशनल कैंसर अवेयरेस डे मनाया जाता है। इस मौके पर आप भी जानिये इन घातक कैंसर के बारे में।
फेफड़ों का कैंसर
भारतीय पुरुषों में फेफड़े का कैंसर मृत्यु का सबसे आम कारण रहा है। एक अनुमान के मुताबिक हर साल करीब 50 हजार लोगों की मौत इससे हो जाती है। देश में हर 13 में से एक पुरुष में लंग्स कैंसर का खतरा हो सकता है। 80 फीसद से अधिक मामलों में धूम्रपान वजह होती है। इसके अलावा वायु प्रदूषण भी इसके खतरे को बढ़ाता है। गंभीर खांसी की समस्या, सांस लेने में तकलीफ (डिस्पेनिया), सीने में दर्द या बेचैनी के साथ घरघराहट और खांसी के साथ खून आना इस कैंसर का प्रमुख लक्षण हो सकता है।
कोलोरेक्टल कैंसर या कोलन कैंसर
भारत में प्रति एक लाख, महिलाओं में 5.1 और पुरुषों में 7.2 प्रतिषत लोगों को कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा हो सकता है। यह घातक इसलिए भी होता है क्योंकि इसका निदान अक्सर एडवांस स्टेज में होता है। लंब समय से शौच की आदतों में बदलाव, बार-बार दस्त या कब्ज की समस्या, मल में खून आने की दिक्कत जैसी समस्याओं पर लोगों को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।
ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर कॉमन रोग
भारत में हर चार मिनट में एक महिला को स्तन कैंसर का पता चलता है। अगर प्रारंभिक चरण में इसका पता चल जाए तो सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी से इसका इलाज संभव है। हालांकि ज्यादातर महिलाओं में इसका निदान देर के चरणों में हो पाता है।
स्तन या अंडरआर्म (बगल) में नई गांठ, स्तन के किसी भाग का मोटा होना या सूजन, निपल क्षेत्र या स्तन में लालिमा या परतदार त्वचा की समस्या होना कैंसर का संकेत हो सकता है। पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर होना बहुत सामान्य है, इसके कारण हर साल हजारों की मौत हो जाती है। बार-बार पेशाब आना, मूत्राशय को खाली करने के लिए जोर लगाने की जरूरत होना, पेशाब से खून आने या पेशाब के दौरान दर्द और जलन होने के लक्षण इस कैंसर का संकेत हो सकते हैं।
मुंह का कैंसर
माउथ कैंसर एक गंभीर बीमारी है। पुरुषों को महिलाओं की तुलना में दो गुना ज्यादा इसका खतरा होता है। इस कैंसर होने के प्रमुख कारण हैं धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन। इसके लक्षणों में मुंह में लंबे समय तक दर्दनाक छालों का बने रहना, गर्दन या मुंह में गांठ बनना, जीभ या होंठ का सुन्न पड़ जाना, जीभ की परत या मुंह में लाल या सफेद धब्बे होना और बोली में अचानक तुतलाहट पैदा होना आदि।