नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। बेंगलुरु के पास चिक्काबल्लापुर में जीका वायरस संक्रमित मरीज का पता चला है। इसके बाद अस्पतालों में आ रहे बुखार के सभी मरीजों की जांच की जा रही है। ऐहितायत के तौर पर चिक्काबल्लापुर के पांच किलोमीटर के दायरे में स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक कर्नाटक में करीब सौ सैंपल लिए गए थे। इनमें 6 चिक्कबल्लापुर से थे और उनमें से 5 की रिपोर्ट निगेटिव जबकि एक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्होंने बताया कि तेज बुखार वाले मरीजों के नमूने पैथोलॉजिकल जांच के लिए भेजे गए हैं।
अमेरिका में फैल रहा कोरोना का नया वेरिएंट
अमेरिका में कोरोना के नये वेरिएंट से इसकी वापसी की संभावना बढ़ गयी है। इसका नाम रखा गया है HV.1 है। लोगों में इसके लक्षण दिखने लगे हैं। इसमें तेजी से फैलने की क्षमता है, जो चिंता का कारण है। जुलाई तक इसके मामलों के केवल 0.5 फीसद का हिस्सा था जो मध्य अगस्त से तेजी से बढ़ने लगा है। इसके लक्षण पूर्व वेरिएंट से काफी हद तक मिलते हैं। इसमें बुखार या ठंड, खांसी, सांस की तकलीफ, थकान, शरीर में दर्द, सिरदर्द, स्वाद या सुगंध चले जाना, गले में खराश, नाक बंद, मतली या उल्टियां, और पेट में दर्द के लक्षण मिलते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक फिलहाल चिंता की बात नहीं है।
26 आईड्रॉप्स के इस्तेमाल पर रोक
फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने ग्राहकों को इंफेक्शन होने से बचने के लिए कुछ आईड्रॉप्स का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी है। यूएस के अधिकारियों ने ऐसे 26 प्रोडक्ट्स का जिक्र किया है। इनसे आंखों में इंफेक्शन का खतरा हो सकता है। कई बार आंखों से कम दिखने की भी समस्या भी हो सकती है। ऐसे प्रोडक्टस में लीडर, रुगबी और वेलोसिटी आदि भी है।
ब्लड टेस्ट से बाइपोलर डिसऑर्डर की पहचान
साधारण ब्लड टेस्ट से बाइपोलर डिसऑर्डर की पहचान के लिए एक नया तरीका वैज्ञानिकों ने विकसित किया है। इस टेस्ट के साथ मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह से बाइपोलर डिसऑर्डर की जल्द पहचान और इलाज में मदद मिल सकती है। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इसे खोजा है। उनके दावे के मुताबिक यह तकनीक ज्यादा कारगर है। स्टडी मेडिकल जर्नल जामा में प्रकाशित हुई है।