नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। ICMR की एक स्टडी के मुताबिक भारत में कम उम्र के लोगों की अचानक मौत कोविड टीकाकरण से नहीं बल्कि कोविड-19 होने पर भर्ती होने, अचानक डेथ की फैमिली हिस्ट्री और कुछ लाइफस्टाइल गड़बड़ियों के कारण बढ़ी है। यह स्टडी इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित हुई है।
18 से 45 की उम्र वालों पर स्टडी का फोकस
उसने यह अध्ययन भारत में 18-45 साल की उम्र के लोगों पर किया था। मीडिया खबरों के मुताबिक अध्ययन में कहा गया है कि हमें यंग एडल्ट्स में अनएक्सप्लेंड सडन डेथ के साथ कोविड-19 टीकाकरण के संबंध का कोई सबूत नहीं मिला। इसके अलावा वर्तमान अध्ययन बताते हैं कि कोविड-19 वैक्सीनेशन ने वास्तव में इस आयु वर्ग में अनएक्सप्लेंड सडन डेथ के जोखिम को कम कर दिया है। ऐसे जोखिम के कारक रहे अचानक मृत्यु का पारिवारिक इतिहास, कोविड-19 के लिए अस्पताल में भर्ती होना और लाइफस्टाइल बिहेवियर जैसे बहुत ज्यादा शराब पीना और हाई इंटेंसिटी फिजिकल एक्टिविटी।
47 अस्पतालों की भागीदारी से स्टडी
यह अध्ययन पूरे भारत में 47 केयर हॉस्पिटल्स की भागीदारी से आयोजित किया गया था। मामले 18-45 साल की आयु के हेल्दी व्यक्तियों के थे, जिनकी 1 अक्टूबर, 2021-31 मार्च, 2023 के दौरान अचानक (अस्पताल में भर्ती होने के 24 घंटे से कम या मृत्यु से 24 घंटे पहले स्वस्थ दिखाई देने पर) अस्पष्ट कारणों से मृत्यु हो गई। शोधकर्ताओं ने दो दिन पहले कोविड-19 वैक्सीनेशन, इंफेक्शन और पोस्ट कोविड-19 कंडिशन्स, अचानक मृत्यु के पारिवारिक इतिहास, धूम्रपान, मनोरंजक नशीली दवाओं के उपयोग, अल्कोहल फ्रीक्वेंसी और हाई इंटेंसिटि फिजिकल वर्कआउट पर डेटा कलेक्ट करने के लिए रिकॉर्ड का ओवरव्यू किया।