स्वस्थ भारत मीडिया
समाचार / News

माइग्रेन का दर्द रोकेगा नया डिवाइस

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। माइग्रेन का दर्द हो तो दवा के बदले सिर्फ एक डिवाइस से असहनीय दर्द से राहत पाया जा सकता है। माइग्रेन (Migraine) में सिरदर्द को कम करने के लिए दवा लेनी पड़ती है जिसके बराबर उपयोग से किडनी भी प्रभावित होती है। इस डिवाइस को बांह पर पहना जाता है। इसे बनाने वाली कंपनी का दावा है कि इसे पहनकर माइग्रेन की दर्द से आराम पाया जा सकता है। इसकी कीमत 14,000 से 16,000 रुपए तक है। इसे हर 45 मिनट के अंतराल पर 18 सेशन के लिए इस्तेमाल करना पड़ता है। इसका इस्तेमाल माइग्रेन के तेज सिरदर्द होने के एक घंटे के अंदर करना चाहिए।

डिवाइस की नजर रहेगी आपके हेल्थ पर

अमेरिकी शोधकर्ताओं ने दुनिया का ऐसा पहला उपकरण विकसित किया है जो मानव शरीर में सूक्ष्म ध्वनियों को लगातार ट्रैक कर सकता है और किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान कर सकता है। यह उपकरण शरीर के लगभग किसी भी हिस्से पर एक वायरलेस तरीके से फेफड़ों के अंदर और बाहर आने वाली हवा, दिल की धड़कन और यहां तक कि लंबे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (GI TRACT) के माध्यम से पचने वाले भोजन की प्रगति को ट्रैक कर सकता है। नेचर मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन से पता चला है कि उपकरणों ने न केवल क्लिनिकल-ग्रेड सटीकता के साथ प्रदर्शन किया, बल्कि उन्होंने नई कार्यक्षमताएं भी पेश की।

पैक्सलोविड ली हो तो संक्रमण का खतरा

कोविड-19 से संक्रमित जिन रोगियों को उपचार के दौरान एंटीवायरल दवा पैक्सलोविड दी गई, उनमें से 20 प्रतिशत रोगी शुरुआती जांच में संक्रमणमुक्त पाये जाने के बाद फिर से संक्रमित मिले। एक नये अध्ययन में यह दावा किया गया है। इसमें यह भी कहा गया कि ऐसे लोगों के शरीर में जीवित और संभावित रूप से संक्रामक वायरस भी पाए गए, जो दूसरों को बीमार कर सकते थे। इसमें पाया गया है कि पैक्सलोविड दवा लेने के बाद शुरू में रोगी स्वस्थ लगते हैं, लेकिन बाद में वायरस का प्रभाव उन्हें फिर से संक्रमित कर देता है। यह शोध अमेरिका के बोस्टन स्थित मास जनरल ब्रिघम अस्पताल में हुआ है।

Related posts

भारत में 3डी तकनीक से बनेंगे जूते: मंत्री

admin

व्यापार मेले में खुला जनऔषधि स्टॉल

admin

बल्क ड्रग्स पर कटोच समिति की रिपोर्ट जल्द ही लागू की जाएगी : अनंत कुमार 

Ashutosh Kumar Singh

Leave a Comment