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भारत में 3डी तकनीक से बनेंगे जूते: मंत्री

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि भारत में 45 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देने वाला चमड़ा उद्योग इतना विकसित हो चुका है कि अब 3डी तकनीक से जूते बनाने के साथ पर्यावरण मानकों को पूरा करने के लिए शुद्ध-शून्य कार्बन पदचिह्न का लक्ष्य रखेगा।

45 लाख लोगों को रोजगार

चेन्नई में आज सीएसआईआर (CSIR)-केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान के प्लेटिनम जयंती समारोह को संबोधित करते हुए, डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, चमड़ा प्रसंस्करण कार्य के कार्बन पदचिह्न को शून्य स्तर तक पहुंचाने की जरूरत है और पशुओं की त्वचा से उत्पन्न होने वाले उत्पादों की जैव-अर्थव्यवस्था समय का नया मंत्र है। मालूम हो कि 1947 में भारतीय चमड़ा क्षेत्र ने लगभग 50,000 लोगों को ही आजीविका के अवसर प्रदान किए, लेकिन आज यह व्यापक रूप से ज्ञात है कि चमड़ा क्षेत्र देश में 45 लाख से अधिक लोगों को आजीविका दे रहा है। 2021 में चमड़ा क्षेत्र से 40,000 करोड़ रुपये मूल्य की निर्यात प्राप्ति हुई।

25 सालों में और होगा विकास

नये नवोन्मेष और अगली पीढ़ी की प्रोद्योगिकियों का जिक्र करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि चमड़ा उद्योग की निरन्तरता सीएसआईआर-सीएलआरआई के लिए उनकी प्लेटिनम से लेकर शताब्दी तक की यात्रा में नई चुनौती के रूप में उभर सकती है। उन्होंने कहा, अगले 25 वर्षों के दौरान चमड़ा अनुसंधान और उद्योग के लिए नई परिकल्पना स्थिरता, ब्रांड निर्माण के अलावा शुद्ध-शून्य कार्बन पदचिह्न, चमड़े पर आधारित सामग्रियों की कुल पुनर्चक्रण क्षमता प्राप्त करना, जानवरों की त्वचा से उत्पन्न उत्पादों की जैव-अर्थव्यवस्था, श्रमिकों के लिए आय समानता सुनिश्चित करना हो सकती है।

3 डी तकनीक से बनेंगे जूते

उन्होंने कहा भारतीयों के जूते तैयार करने के लिए उनके पैरों को स्कैन करने के लिए 3डी तकनीक का उपयोग करके विशिष्ट रूप से निर्मित जूते तैयार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। पहले चरण में परियोजना को लागू करने के लिए देश के 73 जिले शामिल किए गए हैं। चमड़े के जूतों को अद्वितीय बिक्री गुणों के रूप में पैर की स्वच्छता और पहनने वाले के लिए आराम के साथ फुट केयर सॉल्यूशंस के रूप में डिजाइन और विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, पैरों के तलवों में लगभग आधा मिलियन कोशिकाएं हैं जो पसीने की प्रक्रिया को सक्षम बनाती हैं और चमड़े में पसीना आने की बेजोड़ संभावना है। मंत्री ने यह भी बताया कि मधुमेह का जूता एक ऐसा उत्पाद है जो जीवन की बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित करता है।

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