नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। जीनोम सिक्वेंसिंग करने वाली सरकारी लैब भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम INSACOGह की रिपोर्ट के मुताबिक 1 जनवरी तक देश में JN.1 के कुल 196 मामलों का पता चला है। इस वैरिएंट की उपस्थिति वाले राज्यों में उड़ीसा भी शामिल हो गया है। राज्यवार देखें तो केरल में 83, गोवा में 51, गुजरात में 34, कर्नाटक में आठ, महाराष्ट्र में सात, राजस्थान में पांच, तमिलनाडु में चार, तेलंगाना में दो, उड़ीसा- दिल्ली में एक-एक मरीज मिले हैं। सबसे ज्यादा दिसंबर में 179 संक्रमितों का पता चला।
तय हो गया किसको मिलेगा ICU बेड
स्वास्थ्य मंत्रालय ने ICU में भर्ती करने को लेकर नयी गाइडलाइन जारी की है जिसके मुताबिक परिजनों की मंजूरी सबसे अहम है। इसे 24 विशेषज्ञों की टीम ने तैयार किया है। मरीज अगर लाइलाज है तो भी ICU में नहीं रखना है। लेकिन किसी मरीज का कोई अंग काम करना बंद कर दे और स्थिति में गिरावट की आशंका हो, हेल्थ की स्थिति जटिल हो या जिनकी बड़ी सर्जरी हुई है, उन्हें रखा जा सकता है। गाइडलाइन कहती है कि ICU बेड कम होते हैं इसलिए सावधानी रखनी होगी। ऐसा न हो कि किसी जरूरतमंद मरीज को बेड न मिल सके।
बिना पर्ची एंटीबायोटिक की बिक्री पर लगे रोक
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि डॉक्टर की पर्ची के बिना एंटीबायोटिक की बिक्री पर रोक लगायी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी पारिवारिक स्वास्थ्य केंद्रों (FHC) को इस साल एंटीबायोटिक-स्मार्ट परिवार स्वास्थ्य केंद्रों में बदल दिया जाएगा। इसके साथ ही एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध के खिलाफ जागरूकता पैदा करके सभी पंचायतों को एंटीबायोटिक साक्षर पंचायत बनाया जाएगा।