पीएम मोदी ने आयुष मंत्रालयकोविड-19 तीसरे विश्व युद्ध का कारण न बन जाए !Government of India takes digital route to quickly respond to COVID-19 queries के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है। पूरी जानकारी लेकर आईं हैं प्रियंका सिंह
नई दिल्ली/15 अप्रैल
आज पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन में देशवासियों से अपील की कि वे आयुष मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का अनुपालन करें। उनके सात आग्रहों में से एक प्रमुख आग्रह यह भी था कि देशवासी अपना रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं। इसके लिए आयुष मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
- आयुष मंत्रालय ने भारत वासियों को स्वस्थ रखने के लिए कुछ सुझाव साझा किया है। उन सुझावों को मानकर हम कोरोना से मजबूती के साथ लड़ सकते हैं। आइए जानते हैं उन दिशा-निर्देशों को-
- मंत्रालय ने गुनगुना पानी पीने की सलाह दी है। इससे गले में किसी भी तरह की संक्रमण होने की आशंका कमतर हो जाएगी।
- नियमित रूप से कम से कम 30 मिनट तक योगासन, प्राणायाम और ध्यान कीजिए।
- घर में मौजूद हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन आदि मसालों का प्रयोग भोजन बनाने में कीजिए।
- जिन लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कम है वो च्यवनप्राश का सेवन करें। अगर शुगर के मरीज हैं तो शुगर फ्री च्यवनप्राश लें।
- तुलसी, दालचीनी, कालीमिर्च, सौठ पाउडर( नहीं है तो सूखी अदरक को पीस कर चूरन बना लें) और मुनक्के से बनी काली चाय को दिन में एक से दो बार पीजिए।
- इस चाय में चीनी की बजाय गुड़ का उपयोग करें, इसे बेहतर बनाने के लिए नींबू का रस भी मिल सकते हैं।
- सुबह और शाम अपने दोनों नथुनों में तिल या नारियल का तेल या घी लगाएं।
- अगर व्यक्ति सूखी खांसी से परेशान है तो दिन में 1 बार पुदीने की ताजा पत्ती या अजवाइन के साथ भाप जरूर ले।
- खांसी या गले में खराश होने पर दिन में 2-3 बार प्राकृतिक शक्कर या शहद के साथ लौंग का पाउडर का सेवन करें।
- हल्दी वाला गर्म दूध पिएं।
स्वस्थ जीवन में आहारचर्या का महत्व
हम दिन भर में जो भी सेवन करते अर्थात खाते पीते हैं, वह आहार कहलाता है। आहार और स्वास्थ्य का घनिष्ठ संबंध है। प्रतिदिन के आहार द्वारा शरीर को विकास तथा क्रियाओं के सम्पादन हेतु आवश्यक ऊर्जा प्राप्त होती है। किन्तु हम में से अधिकांश व्यक्ति यह नहीं जानते कि हमें कैसा आहार लेना चाहिए। वास्तव में हमें ज्ञान ही नहीं है कि हमारे शरीर को किन आवश्यक तत्त्वों की आवश्यकता है तथा वे तत्त्व हमें किन स्रोतों से प्राप्त हो सकते है। आहार ऐसा होना चाहिए जिससे शरीर स्वस्थ, पुष्ट तथा निरोगी रहे।
यह भी पढ़ें… आइए ‘भारतीयता’ का दीप हम भी जलाएं…
आहार कैसा हो?
विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों में भिन्न-भिन्न प्रकार के पोषक तत्त्व समाहित होते हैं, जो शरीर के विभिन्न अंगों को कार्यशील बनाये रखने के लिए आवश्यक होते है। उदाहरण के लिए दूध में विटामिन ’ए’ प्रचुर मात्रा में होता है, जो शरीर के रोगों से रक्षा करने और अच्छी दृष्टि के लिए आवश्यक है। इसकी कमी से शरीर रोगी तथा दृष्टि कमजोर हो सकती है। अतः हमारे भोजन में इन पोषक तत्त्वों– जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन तथा खनिज – तत्त्वों आदि की संतुलित मात्रा होनी चाहिए।
यह भी पढ़ें… ‘प्रसव वेदना’ के दौड़ में वैश्विक समाज
आहार– संबंधी कुछ आवश्यक नियम
- सदैव अपने कार्य के अनुसार आहार लेना चाहिए। यदि आपको कठोर शारीरिक परिश्रम करना पड़ता है तो अधिक पौष्टिक आहार लेवें। यदि आप हल्का शारीरिक परिश्रम करते हैं तो हल्का सुपाच्य आहार लेवें।
- प्रतिदिन निश्चित समय पर ही भोजन करना चाहिए।
- भोजन को मुँह में डालते ही निगलें नहीं, बल्कि खूब चबा कर खायें, इससे भोजन शीघ्र पचता है।
- भोजन करने में शीघ्रता न करें और न ही बातों में व्यस्त रहें।
- अधिक मिर्च मसलों से युक्त तथा चटपटे और तले हुए खाद्य पदार्थ न खायें। इससे पाचन तंत्र के रोग विकार उत्पन्न होते है।
- आहार ग्रहण करने के पश्चात कुछ देर आराम अवश्य करें।
- भोजन के मध्य अथवा तुरंत बाद पानी न पीयें। उचित तो यही है कि भोजन करने के कुछ देर बाद पानी पिया जाए, किन्तु यदि आवश्यक हो तो खाने के बाद बहुत कम मात्रा में पानी पी लें और इसके बाद कुछ देर ठहर कर ही पानी पियें।
- ध्यान रखें, कोई भी खाद्य पदार्थ बहुत गरम या ठंडा न खाएं और न ही गर्म खाने के साथ या बाद में ठंडा पानी पीयें।
- आहार लेते समय अपना मन- मस्तिष्क चिंतामुक्त रखें।
- भोजन के बाद पाचक चूर्ण या ऐसा ही कोई भी अन्य औषध-पदार्थ सेवन करने की आदत कभी न डालें। इससे पाचन- शक्ति कमजोर हो जाती है।
- रात्रि को सोते समय यदि संभव हो तो गर्म दूध का सेवन करें।
- भोजनोपरांत यदि फलों का सेवन किया जाए तो यह न केवल शक्तिवर्धक होता है , बल्कि इससे भोजन शीघ्र पच भी जाता है।
- जितनी भूख हो, उतना ही भोजन करें। स्वादिष्ठ पकवान अधिक मात्रा में खाने का लालच अन्ततः अहितकर होता है।
- रात्रि के समय दही या लस्सी का सेवन न करें। इसे भी पढ़ें… डरने की नहीं, कोरोना से लड़ने की है जरूरत