नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। हार्ट अटैक आने से पहले ही मरीज के परिजनों को कलाई घड़ी खुद ही कॉल कर देगी। हिमाचल के चंबा जिले के सुदूर क्षेत्र चुवाड़ी के स्कूली विद्यार्थियों ने यह कलाई घड़ी विकसित की है। बाजार में आने पर इसकी कीमत भी ज्यादा नहीं होगी।
फीड किये नंबर पर जायेगा कॉल
इस घड़ी के नमूने को पिछले दिनों एनआईटी, हमीरपुर में संपन्न बाल विज्ञान सम्मेलन में प्रदर्शित किया गया है। इसकी खास बात यह है कि पुराने सामान और कुछ नए उपकरणों की मदद से इसे विकसित किया गया है। चुवाड़ी के हिमालयन पब्लिक सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल की छात्रा सुहानी चौहान और पार्श्व शर्मा ने इसेे बनाया है। इस अलर्ट सिस्टम से इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति की पल्स रेट 50 प्रति मिनट से नीचे जाने पर पहले से फीड किए गए इमरजेंसी नंबर पर कॉल चली जाएगी।
इसमें अभी हाई बीपी की प्रोग्रैमिंग नहीं
जानकारों के अनुसार बीपी के मरीजों में 50 से नीचे अथवा 150 से ऊपर काउंट रहने पर हार्ट अटैक का खतरा रहता है। हालांकि यह उपकरण निम्न रक्तचाप रहने पर अलर्ट देगा। इसमें अभी उच्च रक्तचाप को लेकर प्रोग्रैमिंग नहीं की गई है। सुहानी का कहना है कि उनके एक रिश्तेदार की अकेले में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। रात को कमरे में अकेले थे और सुबह उन्हें मृत हालत में देखा गया। किसी की हार्ट अटैक के कारण इस तरह से मौत न हो, इसके लिए यह अलर्ट सिस्टम विकसित किया गया है।
ऐसे काम करेगा यह उपकरण
इस कार्डियक अलर्ट सिस्टम को तैयार करने के लिए माईक्रो कंट्रोलर आरडीनो, LDR सेंसर, दो इलेक्ट्रोड आरडीनी यूनो, दो बैटरी, स्विच, एक NPN ट्रांजिस्टर 547 और कॉलिंग मॉड्यूल का इस्तेमाल किया गया है। उपकरण में लगी दो इलेक्ट्रोड पल्स रेट का पता लगाएंगे। यह इलेक्ट्रोड माइक्रो कंट्रोलर को पल्स रेट के 50 के नीचे जाने पर अलर्ट देंगे। तब माइक्रो कंट्रोलर से कॉलिंग माड्यूल को संकेत मिलेगा। इस सिस्टम में पहले से फीड नंबर पर तब कॉल चली जाएगी। छात्रों ने इसमें पुराने कॉलिंग फोन का इस्तेमाल किया है। इसकी कुल लागत 1300 रुपये आई है। इसे कलाई घड़ी का रूप देने पर करीब दो हजार रुपये लागत आएगी।