नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। 547 दिनों में भारत नें 200 करोड़ टीकाकरण का लक्ष्य अर्जित कर लिया। सरकार ने इसके लिए फ्रंटलाइन वर्करों के अलावा आम नागरिकों को बधाई दी है। स्वास्थ और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा-यह पल इतिहास बनाने में साक्षी बनने का है। कोरोना महामारी के फैलने के बाद पूरी दुनिया में टीके की खोज हुई और भारत ने सबसे पहले टीका उतार कर दुनिया को चौंका दिया। यहां बेहतर मेडिकल सुविधायें नहीं थी। संसाधनों का अभाव था। फिर भी अमेरिका, ब्राजील जैसे दिग्गज देश भी पिछड़ गए।
हेल्थ वर्करों का शानदार रोल
कठिन परिस्थिति और लॉकडाउन के बीच हेल्थ वर्कर्स ने बहुत ही शानदार रोल निभाया। सरकार ने पहले तो टीका मुफ्त किया और रणनीति बनायी। इसी के तहत सबसे पहले हेल्थ वर्करों को वैक्सीनेट किया गया। उसके बाद बुजुर्ग और गंभीर बीमारी से जूझने वाले लोगों को। इस तरह बहुत ही आसानी से भगदड़ की स्थिति के बिना आसानी से वैक्सीनेशन होता गया।
इतिहास बनाने में साक्षी बनो
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने अपने फेसबुक पेज पर देषवासियों को इसके लिए बधाई दी और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प ने इतिहास बनाने में साक्षी बनने का मौका दिया। मालूम हो कि विपक्ष के भ्रामक प्रचार और असहयोग के बीच सरकार ने समय-समय पर कठोर फैसले लिए। 2021 की पहली ही तारीख को पीएम मोदी ने वैक्सीनेशन का ऐलान कर 16 जनवरी से टीकाकरण चालू कर दिया। विषाल आबादी और सीमित साधन बाधक थे। फिर भी यह चुनौतीपूर्ण कार्य पूर्ण रहा। एक बार तो एक दिन में 2.5 करोड़ लोगों को वैक्सीनेट किया गया। ये भारत के लिए मील का पत्थर साबित हुआ।