नयी दिल्ली। विज्ञान का महाकुंभ कहे जाने वाले इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF) का 8वाँ संस्करण भोपाल में आयोजित किया जा रहा है। 21-24 जनवरी, 2023 को आयोजित होने वाले इस महोत्सव में देश-विदेश के वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकीविद, नीति-निर्माता, शिल्पकार, स्टार्टअप्स, किसान, शोधार्थी, छात्र और नवोन्मेषक हिस्सा ले रहे हैं।
महोत्सव कई मायनों में महत्वपूर्ण
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि यह भारत की वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीय प्रगति की उपलब्धियों का उल्लास मनाने का एक उत्सव है। यह महोत्सव महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत द्वारा जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता के साथ आयोजित हो रहा है। महोत्सव में 14 अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में आयोजित हो रहे महोत्सव की प्रमुख विषयवस्तु “विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के साथ अमृतकाल की ओर अग्रसर” है।
कई संस्थाओं का सहयोग
IISFफ का आयोजन पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST), जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT), वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) द्वारा देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों के नेतृत्व में स्वदेशी भावना के साथ कार्य कर रही संस्था विज्ञान भारती (विभा) के सहयोग से किया जा रहा है। डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि IISF के समर्थन में अंतरिक्ष विभाग (DOS) और परमाणु ऊर्जा विभाग (DQE) की सहभागिता इस वर्ष एक अतिरिक्त आकर्षण होगी।
बनेगी साइंस कॉलोनी
एमपी के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा ने महोत्सव के दौरान भोपाल में साइंस कॉलोनी बनाने का आश्वासन दिया है। नई उपलब्धियाँ छूने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड IISF-2022का एक हिस्सा बना रहेगा। युवा छात्र, नवोदित वैज्ञानिक, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए इकट्ठा होंगे।
इंडिया साइंस वायर से साभार