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2025 में पद्म सम्मान के लिए 9 चिकित्साकर्मी चयनित

2025 में घोषित हुए पद्म सम्मानों में चिकित्सा और दवा क्षेत्र के भी कई महत्वपूर्ण व्यक्तित्व हैं जिन्हें बहुत लोग अब जानने लगे हैं। प्रस्तुत है ऐसे सम्मानित डॉक्टरों की संक्षिप्त जानकारी…

अजय वर्मा
Dr D Nageshwar reddy
Dr D Nageshwar reddy

डॉ. डी. नागेश्वर रेड्डी: ये गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट हैं। फिलहाल हैदराबाद में एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी (AIG) के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी अस्पताल है। रेखांकित करने वाली बात है कि वह तीनों पद्म पुरस्कार प्राप्त करने वाले भारत के पहले डॉक्टर हैं। उन्हें 2002 में पद्म श्री, 2019 में पद्म भूषण और इस साल पद्म विभूषण मिला है। डॉ. रेड्डी ने कुरनूल मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई की है। सितंबर 2013 में उन्हें शंघाई, चीन में राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान अकादमी के एक निर्वाचित फेलो के रूप में दुनिया का सर्वाेच्च गैस्ट्रोएंटरोलॉजी पुरस्कार दिया गया था। उन्हें रुडोल्फ वी. शिंडलर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जो शिंडलर के नाम पर प्रतिष्ठित क्रिस्टल पुरस्कारों में सर्वाेच्च श्रेणी है, जिन्हें अमेरिकन सोसाइटी ऑफ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी (ASGE) द्वारा गैस्ट्रोस्कोपी का जनक माना जाता है।

Dr. Neeraja Bhathla
Dr. Neeraja Bhathla

डॉ. नीरजा भाटला: डॉ. भाटला को पद्मश्री मिला है, जो सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम और देखभाल का पर्याय है। 35 वर्षों से अधिक की अटूट प्रतिबद्धता के साथ डॉ. भाटला ने सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने, प्रबंधित करने और रोकने के तरीके को बदल दिया है, विशेष रूप से कम-संसाधन वाली सेटिंग्स में। सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए स्वदेशी वैक्सीन पर काम कर रही एम्स की पूर्व प्रोफेसर डॉक्टर नीरजा भटला एम्स में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने भारत में सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम पर कई शोध परियोजनाओं का नेतृत्व करना जारी रखा। अंतर्राष्ट्रीय स्त्री रोग और प्रसूति संघ की अध्यक्ष के रूप में उनके नेतृत्व में स्त्री रोग कैंसर प्रबंधन ऐप विकसित किया गया।

Dr. Vilas Dangre
Dr. Vilas Dangre

डॉ. विलास डांगरे: 69 साल के प्रसिद्ध होमियोपैथ डॉ. डांगरे त्वचा और मानसिक रोग एक्सपर्ट हैं और पिछले 50 साल से आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों का मामूली खर्च पर इलाज करते हैं। नागपुर में उनकी होमियो क्लीनिक है और अब तक एक लाख से अधिक मरीजों को देख चुके हैं। दृष्टिबाधित होने के बाद भी वे नाड़ी से ही रोग पहचान लेते हैं। 2014 के आम चुनाव के दौरान रैली में पीएम नरेंद्र मोदी की आवाज बंद हो गई थी। उन्हें आगे भी रैली करनी थी। तब नितिन गडकरी ने इन्हें बुलाया। इनकी दवा ने जादुई असर किया और आवाज लौटी। मोदी के आग्रह पर डॉ. डांगरे ने वह दवा दिल्ली भी भेजी। इन्होंने बाला साहेब ठाकरे, लता, अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी आदि दिग्गजों का भी निदान किया हुआ है।

Dr. Jose Chako
Dr. Jose Chako

डॉ. जोस चाको पेरियापुरम: डॉ. पेरियापुरम लगभग साढ़े तीन दशकों के अनुभव के साथ कार्डियो-थोरेसिक सर्जरी के क्षेत्र में अनुभवी डॉक्टर हैं। उन्हें उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। सम्मान की घोषणा के बाद उन्होंने कहा कि यह एक आश्चर्य था, हालांकि उन्हें पता था कि उन्हें तीसरे सर्वाेच्च नागरिक सम्मान के लिए नामांकित किया गया था। उन्होंने कहा-मैं इस महान सम्मान को केरल और देश के पूरे लोगों को समर्पित करता हूं। मैं इस पुरस्कार को केरल में असाधारण स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के लिए एक मान्यता मानता हूं।

Dr B .K. jain
Dr B .K. jain

डॉ. बी. के. जैन: सतना जिले से सदगुरु सेवा संघ ट्रस्ट के डायरेक्टर डॉ. बीके जैन को भी पद्म श्री सम्मान के लिए चुना गया है। वे चित्रकूट नेत्र चिकित्सालय में दीर्घ काल से नेत्र रोगियों को सेवा प्रदान कर रहे हैं। सतना निवासी डॉ. जैन ने 1973 एमबीबीएस की पढ़ाई श्याम शाह मेडिकल कॉलेज, रीवा से की। फिर 1979 में लोकमान्य तिलक मेडिकल कॉलेज सायन मुंबई से पोस्ट ग्रेजुएशन की शिक्षा प्राप्त की है।

 

dr hemant kumar
Dr Hemant Kumar

डॉ. हेमंत कुमार: मेडिसिन के क्षेत्र में डॉ. हेमंत कुमार को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। वे 35 साल से नेफ्रोलॉजी के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। अपनी प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा कि मैंने जो मरीजों की सेवा की, बिना किसी स्वार्थ के, इसके लिए सरकार ने हमें सम्मान दिया है। डॉ. कुमार ने आगे कहा कि मैं पद्मश्री सम्मान मिलने पर अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा हं। मैं इसके लिए भारत सरकार और बिहार सरकार को धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि मैंने जो भी काम किया है, निस्वार्थ किया है, कोई पुरस्कार पाने के लिए नहीं किया। मेरी हमेशा से कोशिश रही है कि किडनी की बीमारी से कैसे बचाव किया जाए। मैं निरन्तर इसपर काम करता रहूंगा ताकि समाज को किडनी की बीमारी से बचा सकूं।

dr ashok mahapatra
Dr-Ashok-Mohapatra

डॉक्टर अशोक महापात्रा: एम्स, भुवनेश्वर के संस्थापक निदेशक और जाने-माने न्यूरो डॉक्टर अशोक महापात्रा को स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा अनुसंधान में उल्लेखनीय योगदान के लिए पद्म श्री पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। उन्होंने एक डॉक्टर के रूप में एम्स, दिल्ली में भी 42 साल बिताए हैं। उनका जन्म 29 दिसंबर 1952 को पुरी में हुआ था। एम्स में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने 870 पेपर प्रकाशित किए और 16 पुस्तकें लिखीं। पिछले 30 वर्षों में उन्होंने 20 से अधिक अनुसंधान परियोजनाएं संचालित कीं। उन्हें 65 पुरस्कार मिल चुके हैं।

 

Dr Vijaylakshmi
Dr Vijay Lakshmi deshmane

डॉ. विजयालक्ष्मी देशमाने: गुलबर्गा, कर्नाटक की रहने वाली डॉ. देशमाने जानी-मानी ब्रेस्ट कैंसर सर्जरी की एक्सपर्ट रही हैं। खास बात यह कि इनके माता-पिता अशिक्षित थे फिर भी इन्हें पढ़ाया और डॉक्टर बना दिया। एमबीबीएस पढ़ाई की फी देने के लिए इनकी मां ने मंगलसूत्र तक बेच दिए। किदवई मेमोरियल कैंसर अस्पताल से इन्होंने नौकरी शुरु की। 2015 में रिटायर होने के बाद से ब्रेस्ट कैंसर से लोगों को जागरूक कर रही हैं। उन्होंने बंगलुरु में अबला आश्रम की स्थापना की जहां अनाथ लड़कियों को आश्रय देकर आत्मनिर्भर बना रहीं हैं।

 

padam awardee
Dr. Shekha

डॉ. शेख़ा शाइखा अली अल-जबर अल-सबाह : कुवैत की डॉक्टर शेख़ा शाइखा अली अल-जबर अल-सबाह को योग को बढ़ावा देने के लिए पद्म श्री के लिए चयनित किया गया है। शेख़ा कुवैत की पहली ऐसी नागरिक हैं जिन्हें यह सम्मान मिला है। शेख़ा ने कुवैत में योग का पहला लाइसेंस प्राप्त योग स्टूडियो खोला था। इस स्टूडियो का नाम दरतमा है। यह शब्द अरबी शब्द दर (घर) और आत्मा से मिलकर बना है। यह भारत के साथ गहरे जुड़ाव को दर्शाता है। वह कुवैत में योग शिक्षा की अग्रणी हैं और शेम्स यूथ योग की सह-संस्थापक भी। उनके प्रयासों के कारण कुवैत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने योग शिक्षा लाइसेंस की शुरुआत की।

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