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50 रुपये में मिल्क टेस्टिंग किट विकसित

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। दूध की गुणवत्ता और मिलावट परखने के लिए मेरठ की विशाखा गोस्वामी ने टेस्टिंग किट बनाई है जो प्रक्रिया में आसान और सस्ती भी है। उसने एक साल के शोध के बाद इसे तैयार किया है। इस किट से पांच मिनट के अंदर ही किट मिलावट का पता चल जायेगा। दूध में सबसे ज्यादा मिलावट फॉर्मलीन, अमोनिया, स्टार्च, बेकिंग सोडा, न्यूट्रलाइज, यूरिया और डिटर्जेंट की होती है। विशाखा बायोटेक्नोलॉजी में पीएचडी कर रही है। उसने इसे बाजार में उतार भी दिया है। किट की कीमत सिर्फ 50 रुपये है जबकि ऐसे अन्य किट हजार के आसपास के आते है। उसका अगला लक्ष्य अन्य मिल्क प्रोडक्ट में मिलावट का पता करने वाली किट तैयार करना है।

चार दिन के बच्चे का अंगदान

सूरत में चार दिन के बच्चे का ब्रेन डेड हो जाने के बाद उसके माता-पिता ने उसके अंगों को दान कर चार शिशुओं को नया जीवन दिया। एनजीओ जीवनदीप ऑर्गन डोनेशन फाउंडेशन ने दावा किया कि यह शिशु देश का सबसे कम उम्र का अंगदाता है। जन्म के बाद दिल की धड़कन कम होने और सांस लेने की दिक्कत से उसे इनक्यूबेटर में रखा गया था। 48 घंटे बाद न्यूरोसर्जन को बच्चे की जांच की तो बच्चा ब्रेन डेड पाया गया। इसी महीने पांच दिन के नवजात के अंगों को ब्रेन डेड के बाद दान किया गया था। वह भी सूरत का ही था।

दो साल बाद पानी का घनघोर संकट

अगले दो साल यानी 2025 तक भारत में पेयजल का घोर संकट होगा। अभी ही कई क्षेत्रों में भूजल स्तर संकट में है। यह खुलासा संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में हुआ है। इंटरकनेक्टेड डिजास्टर रिस्क रिपोर्ट और संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय पर्यावरण और मानव सुरक्षा संस्थान (UNU-EHS) द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट बताती है कि दुनिया छह पर्यावरणीय महत्वपूर्ण बिंदुओं के करीब पहुंच रही है। इसमें तेजी से विलुप्त होने, भूजल की कमी, पहाड़ी ग्लेशियर का पिघलना, अंतरिक्ष मलबा, असहनीय गर्मी आदि शामिल है। जलवायु परिवर्तन के कारण चुनौती और भी बदतर होने की आशंका है।

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