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गर्भस्थ शिशु और माता की चिकित्सीय देखभाल के लिए नया ऐप

नयी दिल्ली। भारतीय शोधकर्ताओं ने गर्भस्थ शिशु और गर्भवती महिलाओं की चिकित्सीय देखभाल के लिए ‘स्वस्थगर्भ’ नामक नया मोबाइल ऐप विकसित किया है। यह ऐप दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, जिनके लिए डॉक्टर तक पहुँचना कठिन है। यह गर्भावस्था के लिए विशेष रूप से विकसित किया गया ऐप है, जो चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित होने के साथ-साथ विश्वसनीय भी है। इसकी मदद से डॉक्टरों तक तुरंत ऑनलाइन पहुँचा जा सकता है और चिकित्सीय सलाह प्राप्त की जा सकती है।

डॉक्टर से बनेगा सीधा संबंध

IIT रुड़की और एम्स, दिल्ली के शोधकर्ताओं ने मिलकर यह मोबाइल ऐप विकसित किया है। कोई भी इसका निशुल्क लाभ उठा सकते हैं। यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। ऐप चिकित्सीय जटिलताओं को कम करने और गर्भावस्था के दौरान के तनाव और चिंताओं को कम करने में मदद करता है। खास बात यह है कि यह प्रसव-पूर्व देखभाल और सुरक्षित प्रसव के लिए इंटरैक्टिव मंच के रूप में कार्य करता है। उनके लिए ज्यादा उपयोगी है जिन्हें अपने एवं गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए बार-बार अस्पताल जाना पड़ता है। इसकी मदद से मरीज और डॉक्टर के बीच दोतरफा संवाद वास्तविक समय में हो सकता है। गंभीर स्थिति में ऐप डॉक्टर और रोगी दोनों को अलर्ट भेज देता है।

मां और भ्रूण के लिए बचावकारी

IIT रुड़की के शोधकर्ता प्रोफेसर दीपक शर्मा कहते हैं-ऐप गर्भवती महिलाओं को वास्तविक समय पर चिकित्सा सहायता प्रदान करता है। यह मातृ-भ्रूण स्वास्थ्य में सुधार लाने में मददगार हो सकता है। ऐप की उपयोगिता का मूल्यांकन 150 रोगियों पर किया गया है। AIIMS की प्रसूति विभाग की प्रोफेसर वत्सला डधवाल ने कहा-हमारे पायलट अध्ययन से पता चला है कि इस ऐप को गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ डॉक्टरों ने भी अच्छी तरह से स्वीकार किया है। AIIMS की डीन (रिसर्च) प्रोफेसर रमा चौधरी ने कहती हैं-हमारा लक्ष्य इस ऐप को देश के हर घर तक पहुँचाकर मातृ एवं भ्रूण जीवन की रक्षा करना है। इस अध्ययन में आईआईटी रुड़की के शोधकर्ता साहिल शर्मा एवं शालिनी कौशिक और एम्स की प्रोफेसर अपर्णा शर्मा, स्निग्धा सोनी तथा मणि कलईवाणी शामिल हैं।

इंडिया साइंस वायर से साभार

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