नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में सरकार के पहले 100 दिनों में हेल्थ सेक्टर में स्वास्थ्य मंत्रालय के कामकाज को रेखांकित किया। उनके साथ स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव और श्रीमती अनुप्रिया सिंह पटेल भी इस अवसर पर मौजूद रही।
आयुष्मान योजना का विस्तार
श्री नड्डा ने कहा कि पिछले 100 दिनों में विभिन्न मंत्रालयों में त्वरित आधार पर लगभग 15 लाख करोड़ का निवेश किया गया है जिसका लाभ स्वास्थ्य मंत्रालय को भी मिला है। सबसे बड़ा काम आयुष्मान भारत PMJAY योजना के विस्तार का है जिसके अनुसार 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को भी यह सुविधा दी जा रही है। इससे 4.5 करोड़ परिवारों के लगभग 6 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे। यह योजना इस साल अक्टूबर से लागू की जाएगी।
टीबी उपचार की नयी व्यवस्था
उन्होंने कहा कि अब राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के तहत एक कम अवधि की अधिक प्रभावी उपचार व्यवस्था उपलब्ध हुई है जिसमें उपचार की अवधि को 9-12 महीने से घटाकर 6 महीने करने में मदद मिलेगी। इसे ICMR द्वारा स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी मूल्यांकन (HTA) के साथ मान्य किया गया है। इस उपचार पद्धति से देश भर में लगभग 75,000 ड्रग रेजिस्टेंट टीबी (SRTB) मामलों में उपचार अवधि में कमी आने की उम्मीद है। यू-विन पोर्टल में भी महत्वपूर्ण प्रगति है, जिसे सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिलाओं और जन्म से 17 वर्ष तक के बच्चों के पूर्ण टीकाकरण रिकॉर्ड के लिए टीकाकरण सेवाओं के पूर्ण डिजिटलीकरण के लिए विकसित किया गया है।
BHISM क्यूब्स की तैनाती
उन्होंने बताया कि BHISM क्यूब्स पोर्टेबल और त्वरित तैनाती योग्य मॉड्यूलर चिकित्सा सुविधा है जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य आपात स्थिति में जीवनरक्षक नैदानिक देखभाल प्रदान करना है। इन क्यूब्स में आघात, रक्तस्राव, जलन, फ्रैक्चर आदि में विभिन्न प्रकार के लगभग 200 मामलों को संभालने की क्षमता है। पहले चरण में इसे 25 एम्स और राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों (आईएनआई) में रखा जाएगा। राज्य बाद में इसे सामरिक रणनीतिक स्थानों पर भी तैनात कर सकते हैं। भारत ने हाल ही में यूक्रेन को चार भीष्म क्यूब्स उपहार में दिए हैं।
बिहार पर रहा फोकस
इसके अलावा ड्रोन सेवाओं का उपयोग, चिकित्सा शिक्षा, मेडिकल कॉलेजों की संख्या में वृद्धि, एमबीबीएस तथा पीजी सीटों में वृद्धि, राष्ट्रीय चिकित्सा रजिस्टर, राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS), दरभंगा में एम्स की स्थापना कार्य में तेजी आयी है। बिहार के भागलपुर, गया, मुजफ्फरपुर और दरभंगा मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक (SSB) के निर्माण कार्यों को पूरा किया गया है।